रांची:फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भौम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा. इस दिन 15 मार्च 2022 की तिथि पड़ेगी, जिसमें भक्त भोम प्रदोष का व्रत रख सकते हैं. भौम प्रदोष को लेकर रांची के प्रख्यात पंडित जितेंद्र जी महाराज बताते हैं कि प्रदोष व्रत कई तरह के होते हैं और सभी व्रत के अपने-अपने मायने होते हैं. 15 मार्च को पड़ने वाला प्रदोष व्रत मंगलवार को है. मंगलवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहते हैं.
पंडित जितेन्द्र जी महाराज बताते हैं कि भौम प्रदोष व्रत करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और भूमि गृह में सुख शांति की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शिव तथा मां पार्वती का पूजन कर भक्त अपने जीवन में खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं.
भौम प्रदोष व्रत कल, शिव-पार्वती की अराधना से मिलेगी कर्ज से मुक्ति
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. कहते हैं भगवान शिव को प्रदोष व्रत अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं. भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा से जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है. मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है. 15 मार्च से मीन संक्रांति भी शुरू हो रही है.
bhom pradosh vrat
पंडित बताते हैं कि जब तक सूर्य देव मीन राशि में रहेंगे तब तक घर में कोई भी बड़ा पूजा आयोजन नहीं हो सकता है. यह एक माह तक रहेगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य देवता मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो फिर कोई भी बड़ा पूजा,शादी विवाह,गृह प्रवेश, यज्ञ,अनुष्ठान किया जा सकता है. मीन संक्रांति के मौके पर भगवान विष्णु का एक हजार बार नाम लेना चाहिए तथा 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' या 'ओम नमो नारायाणाय नमः' का जाप करना चाहिए.
Last Updated : Mar 14, 2022, 11:40 AM IST