मुंबई :बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon case) में वकील सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj granted bail) को बुधवार को जमानत प्रदान कर दी. अदालत ने भारद्वाज को इस आधार पर जमानत प्रदान की कि उनके खिलाफ निश्चित अवधि में आरोप-पत्र दाखिल नहीं हुआ, इसलिए वह जमानत की हकदार हैं.
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जामदार की पीठ ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि भारद्वाज को शहर की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत में पेश किया जाए, जो उनकी जमानत की शर्तें तय करेगी और मुंबई के भायकला महिला कारागार से रिहायी को अंतिम रूप देगी. भारद्वाज वर्ष 2018 में गिरफ्तारी के बाद से विचाराधीन कैदी के तौर पर कारागार में बंद हैं.
भारद्वाज के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता युग चौधरी ने इससे पहले हाई कोर्ट को बताया कि पुणे पुलिस द्वारा दाखिल आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने वाले और भारद्वाज एवं सात अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने वाले न्यायाधीश केडी वदने ने एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हैं.
चौधरी ने पहले हाई कोर्ट को बताया था कि वदने ने अदालती आदेश पर एक विशेष न्यायाधीश के तौर पर हस्ताक्षर किए जबकि वह एक विशेष न्यायाधीश नहीं थे.