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भीमा कोरेगांव मामला में शरद पवार से होगी पूछताछ, जांच आयोग ने किया तलब

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) द्वारा गठित जांच आयोग ने दो अगस्त को भीमा कोरेगांव मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बयान दर्ज करेगी. इसके लिए जांच आयोग ने एनसीपी प्रमुख को समन जारी किया है.

शरद पवार
शरद पवार

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Published : Jul 9, 2021, 4:37 PM IST

मुंबई : भीमा कोरेगांव मामले (Bhima-Koregaon violence) की जांच के लिए महाराष्‍ट्र सरकार द्वारा गठित आयोग ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को समन भेजा है. जांच आयोग ने एनसीपी प्रमुख को दो अगस्त को पेश होने के लिए कहा है. इस दौरान जांच आयोग शरद पवार का बयान दर्ज करेगा. इस बात की जानकारी आयोग के वकील आशीष सातपुते ने दी.

पवार ने की थी जांच की मांग
शरद पवार ने भीमा-कोरेगांव मामले की जांच की मांग की थी. इसके बाद इस मामले में पवार का बयान दर्ज करने की मांग की गई थी. अब आयोग 2 अगस्त को पवार का बयान दर्ज करेगा.

गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान एक जनवरी 2008 को भीमा कोरेगांव और आस-पास के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी. पुणे पुलिस ने आरोप लगाया कि 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए 'उकसावे' वाले भाषणों से हिंसा भड़की.

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पुलिस के अनुसार, एल्गार परिषद सम्मेलन के आयोजकों के माओवादियों से संपर्क थे

भीमा कोरोगांव मामले की महत्वपूर्ण तिथियां

  • 2 जनवरी 2018- हिंदू अगाड़ी अध्यक्ष हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे और शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नेता संभाजी भिड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
  • 3 जनवरी, 2018 -प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया.
  • फरवरी, 2018 - सुप्रीम कोर्ट ने मिलिंद एकबोटे के खिलाफ धीमी जांच को लेकर राज्य सरकार और जांच एजेंसियों को फटकार लगाई.
  • फरवरी, 2018 - राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जेएन पटेल और मुख्य सूचना आयुक्त सुमित मलिक की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया. 8 अप्रैल, 2020 को इसकी अवधि समाप्त हो गई थी. इसके बाद आयोग को छह महीने का विस्तार दिया गया था.
  • 14 मार्च, 2018 - पुणे पुलिस ने मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार किया. बाद में शीर्ष अदालत ने एकबोटे की जमानत याचिका खारिज कर दी.
  • 22 अप्रैल, 2018- इस मामले के 19 वर्षीय गवाह का शव एक कुएं में मिला.
  • अगस्त, 2018 - वरवरराव, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को देश के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिया गया था.
  • 22 जनवरी, 2020- नवनियुक्त राज्य सरकार ने मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए.
  • 25 जनवरी, 2020 - एनआईए ने राज्य सरकार से जांच अपने हाथ में ले ली. तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसके लिए केंद्र की आलोचना की थी.
  • अक्टूबर, 2020 में- NIA ने 10,000 पन्नों की एक नई चार्जशीट जारी की. इसमें स्टेन स्वामी सहित कई नए नाम शामिल थे.

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