इंदौर : भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में इंदौर जिला कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी केयरटेकर पलक, सेवादार विनायक और शरद को दोषी मानते हुए 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में करीब 3 सालों तक इंदौर जिला कोर्ट में सुनवाई चली. कोर्ट ने 42 से अधिक गवाहों के बयानों के आधार पर तीनों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात आरोपी पक्ष के वकीलों ने कही है, जबकि सरकारी अधिवक्ता के तर्क हैं कि उन्होंने जो भी तर्क दिए थे, उसी के आधार पर कोर्ट ने सुनवाई की और सजा सुनाई.
इन तीनों ने आत्महत्या के लिए किया था विवश
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी तर्क दिया कि तीनों आरोपी शरद, विनायक और पलक भय्यूजी महाराज को अलग-अलग तरह से प्रताड़ित करते थे. तीनों की प्रताड़ना से तंग आकर ही उन्होंने जान दी थी. भय्यू महाराज की खुदकुशी के बाद जांच के दौरान पुलिस ने जो भी सबूत जब्त किए थे, उसे भी कोर्ट ने आधार माना है. यह बात भी सामने आई थी कि पलक भय्यूजी महाराज से शादी करने के लिए आरोपी विनायक और शरद के माध्यम से दबाव बनाती थी. इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली. कोर्ट के समक्ष यह भी तर्क आये कि पलक हर महीने भय्यू महाराज से कुछ रुपए भी लेती थी.
6-6 साल की सजा और 500-500 रुपए जुर्माना