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भय्यूजी महाराज सुसाइड केस: सेवादार शरद-विनायक और केयरटेकर पलक को 6-6 साल की सजा

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Published : Jan 28, 2022, 3:57 PM IST

भय्यूजी महाराज केस में आरोपी सेवादार शरद-विनायक और केयरटेकर पलक को (Bhayyuji Maharaj suicide case verdict) दोषी मानते हुए कोर्ट ने 6-6 साल की सजा सुनाई है, आरोपी पक्ष के वकील इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. पढ़िए पूरी खबर..

bhayyuji maharaj
भय्यूजी महाराज (फाइल फोटो)

इंदौर : भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में इंदौर जिला कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी केयरटेकर पलक, सेवादार विनायक और शरद को दोषी मानते हुए 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में करीब 3 सालों तक इंदौर जिला कोर्ट में सुनवाई चली. कोर्ट ने 42 से अधिक गवाहों के बयानों के आधार पर तीनों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात आरोपी पक्ष के वकीलों ने कही है, जबकि सरकारी अधिवक्ता के तर्क हैं कि उन्होंने जो भी तर्क दिए थे, उसी के आधार पर कोर्ट ने सुनवाई की और सजा सुनाई.

भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में तीन दोषियों को 6-6 साल की सजा.

इन तीनों ने आत्महत्या के लिए किया था विवश

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी तर्क दिया कि तीनों आरोपी शरद, विनायक और पलक भय्यूजी महाराज को अलग-अलग तरह से प्रताड़ित करते थे. तीनों की प्रताड़ना से तंग आकर ही उन्होंने जान दी थी. भय्यू महाराज की खुदकुशी के बाद जांच के दौरान पुलिस ने जो भी सबूत जब्त किए थे, उसे भी कोर्ट ने आधार माना है. यह बात भी सामने आई थी कि पलक भय्यूजी महाराज से शादी करने के लिए आरोपी विनायक और शरद के माध्यम से दबाव बनाती थी. इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली. कोर्ट के समक्ष यह भी तर्क आये कि पलक हर महीने भय्यू महाराज से कुछ रुपए भी लेती थी.

6-6 साल की सजा और 500-500 रुपए जुर्माना

इस हाई प्रोफाइल मामले की फाइनल हीयरिंग की वजह से सुबह 11:00 बजे से ही कोर्ट में हलचल शुरू हो गई थी. 2:00 बजे बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसमे तीनों आरोपियों को छह-छह साल की सजा के साथ 500-500 रुपये का जुर्माना (Bhayyuji Maharaj suicide case verdict) भी लगाया है.

12 जून 2018 को भय्यूजी ने की थी आत्महत्या

तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में स्थित अपने बंगले पर भय्यूजी महाराज ने 12 जून 2018 को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार ली थी. आत्महत्या की जांच के दौरान पुलिस ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए थे, जिनमें एक सुसाइड नोट भी था. वही सुसाइड नोट व अन्य आधार पर पुलिस ने आरोपी पलक विनायक और शरद को गिरफ्तार किया था. जिला कोर्ट में इस मामले की लगातार सुनवाई चल रही थी और आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीनों को दोषी मानते हुए 6-6 साल की सजा से दंडित किया है.

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