नई दिल्ली :भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि 11 अगस्त को किसान संघ ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की मांग की थी. किसान संघ ने 31 अगस्त तक प्रधानमंत्री के जबाब की प्रतीक्षा की लेकिन जब सरकार की तरफ से कोई जबाब नहीं आया तो देश के सबसे बड़े किसान संगठन ने आंदोलन का आवाह्न कर दिया है.
उन्होंने कहा कि 8 सितंबर के कार्यक्रम के तहत देशभर में किसान संघ के कार्यकर्ता जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे. दिल्ली में जंतर-मंतर पर सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. बद्रीनारायण चौधरी ने आगे कहा कि सरकार को उनकी बात माननी चाहिए क्योंकि यह जायज मांग है.
यदि सरकार इस मांग से सहमत नहीं है तो उन्हें बताना चाहिए कि क्यों लाभकारी मूल्य की मांग में कोई तर्क नहीं है. एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग के साथ पिछले 10 महीनों से दिल्ली के बोर्डर पर आंदोलन चल रहा है.
हालांकि बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों की मांग में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग सबसे प्राथमिक है. इसके उलट भारतीय किसान संघ तीन कृषि कानूनों के समर्थन में है बशर्ते सरकार इनमें 5 संशोधन करे. चौधरी कहते हैं कि सीधे कानूनों को रद्द करने की मांग ठीक नहीं है.
उन्होंने इन कानूनों का अध्ययन करने के बाद पाया कि यह किसनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और कृषि क्षेत्र में अन्य रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा. सरकार को इन कानूनों के तहत किसनों को सुरक्षा देने के लिए अलग से किसान न्यायालय स्थापित करने चाहिए. खरीददार कंपनियों का पूरा विवरण किसी वेबसाइट पर उपलब्ध होनी चहिए.
किसानों को उनकी फसल की कीमत सीधे और फसल के उठाव के साथ ही मिले. उधार खरीद की परिस्थिति में खरीददार कंपनी की सीमा तय हो. इन प्रावधानों के साथ तीन कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं दिखती और यह किसानों के लिए लाभकारी ही सिद्ध होंगे.