भरतपुर/मथुरा. मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने पुष्टि करते हुए बताया कि शनिवार अल सुबह करीब 2.30 बजे बाबा विजयदास का दिल्ली के अस्पताल में देहावसान हो गया (Bharatpur Saint Passes Away). करीब 2 दिन से उनका दिल्ली में उपचार चल रहा था. उससे पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल से उन्हें रेफर किया गया था. बाबा के पार्थिव शरीर को पूरे सुरक्षा बंदोबस्त के साथ तीर्थराज विमल कुंड पर लाया गया. जहां तीर्थराज विमल कुंड के जल से बाबा का अंतिम स्नान कराकर पूरे सुरक्षा बंदोबस्त के साथ बाबा के शव को मथुरा के बरसाना के लिए रवाना कर दिया गया.
बरसाना में अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी विदाई
संत विजय दास का पार्थिक शरीर शनिवार को बरसाना स्थित रमेश बाबा की गोशाला पहुंचा तो सभी संतों और श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं. संत का विधिविधान से अंतिम संस्कार किया गया. बाबा विजय दास की चिता को मुखाग्नि उनके साथी दीन दयाल दास ने दी. संत की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. अंतिम संस्कार के दौरान उप्र के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और राजस्थान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह सहित अन्य मौजूद रहे.
बाबा विजयदास का अंतिम संस्कार. भरतपुर कलेक्टर ने पुष्प अर्पित किए
राज्य सरकार की ओर से भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन की ओर से तीर्थराज विमल कुंड पर बाबा को पुष्प अर्पित किए गए. बाबा के शव की अंतिम यात्रा दिल्ली से मुख्य मार्गो होती हुई नंद गांव से कामां पहुंची जहां कामां कस्बे के कोसी चौराहे पर विभिन्न धार्मिक संगठनों के लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन की तरफ से सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखी गई थी. भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन, भरतपुर पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह सहित भारी तादाद में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था.
कस्बा बना पुलिस छावनीः बाबा के पार्थिव शरीर को कामां लाने का कार्यक्रम निर्धारित होते ही पुलिस के आला अधिकारियों ने कामां कस्बा को छावनी में तब्दील कर दिया. देखते ही देखते थोड़ी देर में कामां कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया. बाबा की शव यात्रा कामां पहुंचने के दौरान भरतपुर सांसद रंजीता कोली, अलवर सांसद बाबा बालक नाथ, भाजपा नेता पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, पूर्व डांग विकास बोर्ड अध्यक्ष जवाहर सिंह बेढम सहित भाजपा नेता मौजूद रहे.
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तीन दिन पहले लगाई थी खुद को आग:धरना स्थल पसोपा में जब बाबा नारायण दास टावर पर चढ़े हुए थे, उसी दौरान 20 जुलाई को सुबह 11.30 बजे बाबा विजय दास ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कंबल डाल कर तुरंत आग को बुझाया और उपचार के लिए आरबीएम जिला अस्पताल भेजा था. आत्मदाह के प्रयास में बाबा विजय दास 80% से अधिक झुलस गए थे. आरबीएम जिला अस्पताल में बर्न आईसीयू नहीं होने की वजह से संक्रमण के खतरे को देखते हुए बाबा विजय दास को जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. बाबा की गंभीर हालत को देखते हुए जयपुर से भी उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया था. जहां पर शनिवार अल सुबह 2.30 बजे उनकी मौत हो गई.
550 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया
राजस्थान के भरतपुर जिले के आदी बद्रीनाथ धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनन का विरोध करने पर संत 551 दिनों तक धरना प्रदर्शन कर रहे थे. हरियाणा के फरीदाबाद जिले के वडाला गांव के रहने वाले संत विजय दास ब्रज क्षेत्र के पर्वतों को खनन माफिया से मुक्त कराने के लिए मुहिम छेड़ी गई थी. अधिकारी से लेकर सैकड़ों विधायक मंत्रियों तक 350 से अधिक ज्ञापन अवैध खनन के खिलाफ दिए गए लेकिन सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार 20 जुलाई को भरतपुर जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान संत विजय दास ने खुद को आग लगा ली. इन्हें उपचार के लिए तत्काल आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया फिर गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां 22 जुलाई को बाबा की मौत हो गई.