जयपुर.भरतपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अनिरुद्ध सिंह भरतपुर ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने खुद और प्रदेश से जुड़े कई मसलों पर खुलकर जवाब दिए. फिर चाहे मामला सचिन पायलट के लिये उनके एक तरफा समर्थन का हो या फिर उनके पिता और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के साथ दूरियों का. अनिरुद्ध ने राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर भी बेबाकी के साथ अपनी बात को रखा.
इस खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि क्यों कांग्रेस सरकार के एक मंत्री का बेटा खुलेआम हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा का समर्थन करता है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ अश्विनी विजय प्रकाश पारीक ने उनसे हर सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की. आइये जानते हैं कि इस खास बातचीत में अनिरुद्ध सिंह ने वर्तमान राजनीतिक स्थितियों से लेकर दूसरे मुद्दों पर क्या कुछ कहा.
सवालः आप सोशल मीडिया पर जितना एक्टिव होते हैं, कहा जाता है कि जमीन पर आपका चेहरा उतना नजर नहीं आता है, क्या जवाब होगा आपका ?
अनिरुद्ध सिंहः मैं पहले लोगों से मिलता था, तब यह कहा जाता था कि इनका लिमिटेड एक्सेस है और अब जब सोशल मीडिया पर दायरा बढ़ाया, तो कहा जाता है कि वहीं एक्टिव हैं, ऐसा नहीं है. मैं जनमानस से मिलने के लिए अपने दफ्तर पर उपलब्ध रहता हूं. सोशल मीडिया से मुझे प्रजेंस मिली है, अलग पहचान मिली है, जितना मैं सोशल मीडिया पर हूं, उतना ही मैं जनता के बीच में हूं.
सवालः आपके राजनीतिक चेहरे पर हमेशा सवाल होते हैं, भाजपा के आप समर्थक हैं. नेता के रूप में पायलट के साथ खड़े हैं और आपके पिता राजनीति में किसी और दल से हैं , किस चेहरे की बात करें ?.
अनिरुद्ध सिंहः पॉलिटिकल एक्टिविजम का मतलब यह कतई नहीं होता कि आप इलेक्शन लड़ने के लिए तैयार रहें. अगर हर कोई चुनाव लड़ेगा तो फिर जमीन पर काम कौन करेगा ?. इसलिए मैं हर किसी के लिए चुनाव लड़ने के लिए सहमत नहीं हूं. जहां तक सवाल राजनीतिक विचारधारा का है, तो कांग्रेस के कामकाज के तरीके से मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं. मैं आरएसएस की विचारधारा में विश्वास करता हूं, मैं हिंदू राष्ट्र के विचार पर भरोसा करता हूं. मुझे लगता है कि भारत को लंबे अरसे तक सस्टेनेबल इकोनॉमिक सुपर पावर बनाने के लिए भाजपा की इसी आइडियोलॉजी की जरूरत होगी, मेरी फीलिंग राइट विंग की तरफ है.
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सवालः आप हिंदू राष्ट्र को भी परिभाषित कीजिए, क्या जो RSS मानता है या फिर जो संत कहते हैं ?.
अनिरुद्ध सिंहःमेरे हिसाब से हिंदू राष्ट्र जो भाजपा मानती है और जो आरएसएस बात करती है . इसको विस्तार से समझने की जरूरत है, भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा लोग हैं. अगर इस विचार को आगे रखा जाएगा तो भारत सुपर पावर बन जाएगा. ऐसा भी नहीं है कि अन्य धर्मों को दरकिनार किया जाना चाहिए. मैं मिडिल ईस्ट के कई देशों में रहा हूं, लेकिन बतौर हिंदू मैं वहां कभी भी असुरक्षित नहीं रहा. मुझे लगता है कि एक हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए , जो सबको साथ लेकर चलता है.
सवालः सचिन पायलट के साथ आपकी मौजूदगी हमेशा रही है , सचिन पायलट को किस तरह से देखते हैं आप , आप अक्सर उनके साथ नजर आते हैं.
अनिरुद्ध सिंहःसचिन पायलट राजस्थान के लिए एक जुनून हैं , लोग उनके लिए मर मिटने के लिए तैयार हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से उनके विचारों से सहमत हूं. यह विचार पार्टी से अलग रखकर देखा जाना चाहिए , उनके राजस्थान को लेकर विजन को मैं सपोर्ट करता हूं. मेरी राइट विंग की विचारधारा और पायलट के कांग्रेसी होने को एक नजरिए से देखा जा सकता है, उनके विजन को सपोर्ट करता हूं.
सवालः पायलट का विजन भी बता दीजिए.
अनिरुद्ध सिंहः युवाओं को सशक्त बनाना सचिन पायलट का विजन है. व्यक्तिगत स्तर पर मैं उस दौर को याद करता हूं, जब मुझ पर निजी जीवन में पत्थर फेंके जा रहे थे. तब मेरे साथ पायलट साहब खड़े थे,उन्होंने मेरे मत का समर्थन किया. मेरे व्यक्तिगत मत का साथ दिया, कुछ थोपा नहीं.
सवालः जिस निजी मसले का आप जिक्र कर रहे हैं, क्या उसे दर्शकों की सुविधा के लिए बयां करना चाहेंगे.
अनिरुद्ध सिंहः देखिये , इस बारे में कई बार बात हो चुकी है, मामला पुराना हो चुका है. मेरी राजनीतिक विचारधारा और मेरे पिता की राजनीतिक विचारधारा अलग है. मत भिन्नता भारतीय परिवारों की खूबसूरती रही है, पर यहां मतभेद रहा है. मेरी मां ने कभी पार्टी नहीं बदली , एक बार वह भाजपा से सांसद रही हैं और एक बार वसुंधरा जी की सरकार में विधायक रही हैं फिर उन्होंने अपने निजी मामलों को लेकर राजनीति से विराम लिया. वह भाजपा की विचारधारा से ही रही हैं. राम मंदिर के मसले पर वह अशोक सिंघल जी के साथ रही हैं, मेरी विचारधारा भी उन्हीं से प्रेरित रही है. मेरी मां ने 1996 में हिन्दू राष्ट्र की बात की थी, जब वह ग्यारहवीं लोकसभा में अटल जी की सरकार में सांसद रही थी. पिताजी ने दल बदले और क्यों बदले, यह आप उनसे पूछिए. मेरी आज तक उनसे इस पर बात नहीं हुई . मैं अपनी मां से जरूर प्रेरणा लेता हूं, वह बीजेपी की विचारधारा से है, राष्ट्रीय विचारधारा से है. मुझे विचारधारा विरासत में नहीं, संस्कारों में मिली है.
सवालःआने वाले चुनाव में आप स्वयं को और अपनी माता जी में से किसे, जनप्रतिनिधि के रूप में देखना चाहेंगे. आपके समर्थकों की क्या अप्रोच है ?.
अनिरुद्ध सिंहः जनता की आवाज उठाने का काम मैं भी करता हूं और मेरी मां भी करती है, लेकिन राजनीतिक सक्रियता का मतलब चुनाव लड़ना नहीं है. अभी मेरा मकसद है कि जनता की सेवा करता रहूं, आगे मेरी मां और सचिन पायलटजी जो निर्णय लेंगे , मैं उसे फोलो करूंगा.
सवालः नदबई की जनता मूर्ति विवाद के बाद से आपको उस चेहरे के रूप में देख रही है , जहां कभी आपकी बुआ काम कर रही थी.