भरतपुर. बहुप्रतीक्षित भरतपुर बर्डिंग वीक का शुक्रवार को द बाग होटल में शुभारंभ किया गया. 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले इस आयोजन में (Bharatpur Birding Week) पक्षी विशेषज्ञों के साथ ही काफी संख्या में विद्यार्थी भी भाग ले रहे हैं. उद्घाटन सत्र में पक्षी विशेषज्ञों ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में घटती पक्षी संख्या और पक्षी प्रजातियों पर चिंता जताई.
ऐसे में विशेषज्ञों ने उद्यान की जैव विविधता के संरक्षण पर जोर दिया. बर्डिंग वीक के तहत दूसरे दिन (Bird Counting on 8th October) शनिवार को न केवल भरतपुर, बल्कि 200 से अधिक देशों के बर्ड वॉचर एक साथ अलग-अलग क्षेत्र और अलग-अलग देश में पक्षी प्रजातियों की गणना करेंगे. उद्घाटन सत्र में बोलते हुए आरडी गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य एवं पक्षी विशेषज्ञ डॉ. धीरेंद्र देवर्षि ने कहा कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पहले काफी संख्या में वल्चर मिलते थे. साथ ही साइबेरियन क्रेन आते थे, लेकिन 2002 के बाद साइबेरियन क्रेन आना बंद हो गए.
कई अन्य प्रजातियों के पक्षी भी यहां आना बंद हो गए. ये उद्यान के लिए चिंता की बात है. हमें उद्यान की जैव विविधता के संरक्षण पर काम करना होगा. साथ देश और दुनिया में वेटलैंड के लिए प्रसिद्ध उद्यान के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार को भी उचित कदम उठाने की जरूरत है. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि सुमित बंसल, विष्णु सिंह समेत कई पक्षी विशेषज्ञों ने एमएसजे कॉलेज, आरडी गर्ल्स कॉलेज, न्यू टैगोर पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को वन्यजीवों की सुरक्षा और उसके महत्व के बारे में जानकारी दी.