लंदन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के दौरे पर हैं. वह यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीन भी अब भारत का लोहा मानने लगा है. रक्षा मंत्री चीनी सरकार नियंत्रित ग्लोबल टाइम्स में हाल ही में प्रकाशित एक लेख का हवाला देते कहा कि इस लेख में भारत के विकास की गाथा और इसके बढ़ते कद की सराहना की गई है.
राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत की सामरिक शक्ति के उभरने के साथ बीजिंग का दृष्टिकोण काफी बदल गया है. राजनाथ सिंह ने कहा,'ग्लोबल टाइम्स जो एक तरह से चीन का मुखपत्र है इसके एक लेखक ने एक लेख ('What I see about Bharat narrative in India') लिखा.
यह लेख भारत के प्रति चीन के बदलते नजरिए की जोरदार पुष्टि करता है. ऐसा लगता है कि चीनी सरकार यह स्वीकार करने लगी है कि हमारी आर्थिक और विदेशी नीतियों के साथ-साथ हमारे बदलते रणनीतिक हितों ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक शक्ति के रूप में उभरने में मदद की है.
हम किसी को भी अपना दुश्मन नहीं मानते लेकिन दुनिया जानती है कि भारत और चीन के रिश्ते इस समय तनाव में हैं. हालाँकि, हम अपने सभी पड़ोसियों और दुनिया भर के देशों के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं.' लंदन में इंडिया हाउस में सामुदायिक स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि ग्लोबल टाइम्स के स्तंभकार ने इस बात पर जोर दिया कि चीनी सरकार अब स्वीकार करती है कि भारत को वैश्विक स्तर पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
लेखक ने यह भी कहा कि चीनी सरकार अब यह स्वीकार करती है कि आप भारत को पसंद करें या नहीं, हमारी छवि और बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पहले, जब व्यापार असंतुलन पर चर्चा होती थी तो भारत दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए बीजिंग पर भरोसा करता था. हालाँकि, वह चलन अब प्रचलन में नहीं है.
रक्षा मंत्री ने देश की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा पर विस्तार से कहा, 'मेरा मानना है कि गलवान (अरुणाचल प्रदेश की घाटी) में चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के दौरान हमारे जवानों द्वारा दिखाए गए साहस ने भारत पर बीजिंग के दृष्टिकोण को बदलने में मदद की. दुनिया की नजरों में अब हम कमजोर देश नहीं रहे. हम एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति हैं. (अब कोई भी हमें लाल आँख दिखाकर बच नहीं सकता).
इस महीने की शुरुआत में ग्लोबल टाइम्स ने 'भारत नैरेटिव' शीर्षक वाले कॉलम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में भारत की आर्थिक नीतियों और कूटनीतिक उपलब्धियों की सराहना की. इसमें कहा गया है कि 'विदेश नीति में नई दिल्ली की रणनीतिक सोच विकसित हुई है, जो एक महान शक्ति रणनीति की ओर बढ़ रही है.'
फुडन यूनिवर्सिटी शंघाई में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक झांग जियाडोंग द्वारा लिखित राय में पिछले चार वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में भारत की 'उल्लेखनीय उपलब्धियों' को भी रेखांकित किया गया है. इसने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, शहरी प्रशासन में सुधार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेष रूप से चीन के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव को भी स्वीकार किया.