लखनऊ : उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में मस्जिद के लिए दी जा रही पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है. बोर्ड की सोमवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया. बोर्ड ने यह भी फैसला किया कि उक्त जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट भी गठित किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने बोर्ड की बैठक के बाद यह जानकारी दी.
फारुकी ने बताया कि उस जमीन पर मस्जिद के निर्माण के साथ-साथ एक ऐसा केंद्र भी स्थापित करेगा, जो पिछली कई सदियों की 'इंडो-इस्लामिक' सभ्यता को प्रदर्शित करेगा.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अन्वेषण तथा अध्ययन के लिए एक केंद्र तथा एक चैरिटेबल अस्पताल एवं पब्लिक लाइब्रेरी तथा समाज के हर वर्ग की उपयोगिता की अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाएगी. इंडो-इस्लामिक केन्द्र में रिसर्च और स्टडी दोनों ही सेंटर होंगे.
फारुकी ने बताया कि बहुत से लोगों ने मस्जिद के साथ-साथ रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी बनवाने का भी सुझाव दिया था. उन पर विचार के बाद यह निर्णय लिया गया है.
इस सवाल पर कि बनने वाली मस्जिद का नाम 'बाबरी मस्जिद' होगा या नहीं, उन्होंने कहा, 'इस बारे में ट्रस्ट फैसला करेगा. इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. मस्जिद कितनी बड़ी होगी, यह स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा.'