नई दिल्ली : वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मार्गनी भरत ने सुझाव दिया है कि शिक्षा प्रणाली में आंध्र प्रदेश सरकार के सुधारों को मोदी सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अपनाया जाना चाहिए.
मार्गनी भरत पहली बार आंध्र प्रदेश से सांसद चुने गए हैं, जो बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक चर्चा सत्र में उपस्थित थे.
वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मार्गनी भरत की ईटीवी भारत से बातचीत. मार्गनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जो लोग समाज के कमजोर या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं, उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए ताकि वे शिक्षा का खर्च उठा सकें.
मार्गनीभरत ने बताया कि आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी सरकार ने अम्मावाड़ी (Ammavadi) नाम की एक योजना शुरू की है. इसके माध्यम से सरकार बच्चे की शिक्षा के लिए मां को ₹15000 प्रतिवर्ष देती है. दो बच्चों की मां को ₹30,000 मिलते हैं, जिससे वह अपने बच्चों को स्कूल भेज सके.
उन्होंने कहा, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की योजना को अखिल भारतीय स्तर पर लागू किया जाना चाहिए.
एक अन्य नीति, जिसको भरत पूरे देश में लागू कराना चहते हैं, यह है कि सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा अनिवार्य की जाए.
पढ़ें-शिवसेना का सपना पूराः राज्य के 18वें मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे
मार्गनीभरत ने कहा, 'इस पर बहुत चर्चा हुई है, लेकिन हमारे छात्रों को दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को लागू करने की आवश्यकता है. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़े होने के लिए अंग्रेजी बहुत महत्वपूर्ण है.'
वाईएसआर सांसद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में जगन सरकार ने अगले सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को लागू करने का फैसला किया है. इसे नई शिक्षा नीति में केंद्र सरकार द्वारा भी चुना जाना चाहिए.