ईटानगर/बीजिंग : अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के नाचो इलाके के पांच ग्रामीण युवक कई दिनों से लापता हैं. सभी जंगल में शिकार करने गए थे, उन्हें कथित तौर पर पीएलए ने अगवा कर लिया. यह युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे. बीते शुक्रवार को उनके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी दी.
इनके समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के पांच युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए. सेरा-7 सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है.
नाचो मैकमोहन रेखा पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है.
वहीं, चीन ने पांच युवकों को अगवा करने से पल्ला झाड़ लिया और कहा है कि उसने अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी. चीन इस क्षेत्र को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'चीन-भारत सीमा के पूर्वी सेक्टर या झांगनान (चीन के झिनजियांग (तिब्बत) के दक्षिणी हिस्से) पर चीन का रुख एक जैसा और स्पष्ट रहा है.' उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी.
भारतीय नागरिकों के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'आपने जिस स्थिति की चर्चा की, मैं उससे अवगत नहीं हूं.'
ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट यूनियन ने राज्य को 'दक्षिण तिब्बत' बताने संबंधी चीनी बयान की निंदा की.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शायद अरुणाचल प्रदेश के अगवा किए गए पांच युवकों के बारे में भेजे गए 'हॉटलाइन मैसेज' का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है.
रिजिजू ने रविवार को ट्वीट किया, 'भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर पीएलए के समकक्ष प्रतिष्ठान को हॉटलाइन पर संदेश भेजा है. जवाब का इंतजार है.'