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उत्तर प्रदेश : लखनऊ व नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू, जानें क्या है यह प्रणाली

उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में क्राइम कंट्रोल के लिए योगी सरकार ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया है. इसके तहत सुजीत पांडे लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर तो वहीं आलोक सिंह नोएडा की कमान संभालेंगे. ये फैसला आज नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद लिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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योगी कैबिनेट

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Published : Jan 13, 2020, 11:25 AM IST

Updated : Jan 13, 2020, 1:01 PM IST

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक में आज उत्तर प्रदेश के नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. लखनऊ और नोएडा में क्राइम कंट्रोल के लिए योगी सरकार ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया है. सुजीत पांडे लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर तो वहीं आलोक सिंह नोएडा की कमान संभालेंगे.

बता दें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज सुबह 9:30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने जैसे सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है.

गौरतलब है, आईएएस और आईपीएस के बीच लंबे समय से पुलिस कमिश्नर की तैनाती को लेकर खींचतान चल रही थी. कैबिनेट बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) पुलिस कमिश्नर की तैनाती के प्रस्ताव पर मोहर लग चुकी है.

गौरतलब है, पिछले दिनों योगी सरकार ने 13 आईपीएस अफसरों का प्रशासनिक फेरबदल किया था, उसमें नोएडा और लखनऊ के एसएसपी पद खाली रखे गए थे. तब से यह चर्चा है कि योगी सरकार इन दोनों जिलों में पुलिस कमिश्नर तैनात कर सकती है.

आज कैबिनेट के बाद संभव है कि आदेश जारी कर दिया जाए. पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव से आईएएस लाबी में नाराजगी है. हालांकि, आईएएस एसोसिएशन अभी तक इस पर चुप्पी साधे हुए है. उनका कोई बयान नहीं आया है.

सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर लग सकती है. योगी सरकार तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री करने की तैयारी में है. अजय देवगन अभिनीत इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा.

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क्या होती है कमिश्नर प्रणाली
देश में स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों के जमाने में कमिश्नर प्रणाली लागू थी. वहीं आज देश में यह व्यवस्था 100 से अधिक महानगरों में सफलतापूर्वक लागू है. भारतीय पुलिस ने इसे आजादी के बाद अपनाया है.
बता दें, भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग चार के तहत जिला अधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं. इसके अलावा, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ शक्तियां भी देता है.

कमिश्नर प्रणाली के फायदे
कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकार बढ़ जाते हैं. किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम आदि अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है. पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो जाती है.

Last Updated : Jan 13, 2020, 1:01 PM IST

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