नई दिल्ली: वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) ने असम के राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर गहरी चिंता व्यक्त की है. ये राजमार्ग राज्य के विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से होकर गुजरता है. बता दें, ये क्षेत्र लगातार आती बाढ़ की गंभीर समस्या से जूझ रहा है.
अभिषेक नारायणन से हुई बातचीत रिपोर्ट के अनुसार 2017 में विनाशकारी बाढ़ के दौरान 30 से अधिक गैंडों सहित 450 से भी ज्यादा जानवरों की मौत हुई थी.
इस संबंध में WTI के रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन डिवीजन के प्रमुख अभिषेक नारायणन ने बताया, 'राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को पार करने की कोशिश में कई जानवरों की मौत हो जाती है.'
उन्होंने कहा, 'बाढ़ की स्थिति में आमतौर पर जानवर ऊंची जगहों का सहारा ढूंढते हैं.' उन्होंने बताया कि केएनपी का निकटवर्ती इलाका कार्बी आंगलोंग है. उन्होंने कहा, 'लेकिन इस क्षेत्र में मानव जाति की बड़ी संख्या होने के कारण जानवर अपने लिए दूसरी जगहें तलाशने को मजबूर हैं.'
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गौरतलब है कि हाल ही में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस पार्क का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. बता दें, काजीरंगा नेशनल पार्क में 33 नए हाइलैंड्स का निर्माण किया गया है.
नारायणन ने कहा कि वास्तव में पर्याप्त हाइलैंड्स की कमी होने के कारण कई जंगली जानवरों की मौत हो जाती है. जिनमें लुप्त होती गैंडों की भी प्रजाति शामिल है.
अभिषेक नारायणन ने आगे कहा, 'हमारी टीम केएनपी में पहले से ही मौजूद है और स्थिति की नियमित निगरानी करती रहती है.'
गौरतलब है कि असम में बाढ़ लंबे समय से चली आ रही समस्या है. इससे न सिर्फ जंगली जानवरों को नुकसान है बल्कि मानव जीवन को भी हानि पहुंचती है. बता दें, केएनपी मानसून और बाढ़ के अंदेशों को देखते हुए 16 मई से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. अब इसे अक्टूबर-नवंबर में दोबारा खोला जाएगा.