देहरादून : विश्वप्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक और बच्चों के चेहते पद्मश्री, पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड का आज 86वां जन्मदिन है. इस मौके पर ईटीवी भारत आपको देहरादून के उस शर्मा परिवार से मिलवाने जा रहा है, जिसका जिक्र रस्किन बॉन्ड ने अपनी किताब द लैंप इज लिट (The Lamp is Lit) में किया है.
डीआरडीओ में अधिकारी रहे संजीव शर्मा बताते हैं कि उनकी बेटी रस्किन बॉन्ड की किताबों को पढ़ना पसंद करती है और उनसे मिलने की जिद करती थी. 1998 में रस्किन बॉन्ड के 64वें जन्मदिन के मौके पर हम उनसे मिलने मसूरी पहुंचे.
संजीव शर्मा बताते हैं कि रस्किन बॉन्ड बेहद ही सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं. मसूरी में रस्किन बॉन्ड ने हमारे परिवार का गर्मजोशी से स्वागत किया और कई मुद्दों पर बातचीत. रस्किन से मुलाकात कर हम वापस देहरादून लौट आएं.
मुलाकात के कुछ साल बाद जब मेरी बेटी ने रस्किन बॉन्ड की किताब द लैंप इज लिट (The Lamp is Lit) को पढ़ा तो देखा कि पेज नंबर-167 पर हमारे परिवार से जुड़ी बातें लिखी गई हैं. विश्व प्रसिद्ध लेखक द्वारा अपने किताब में हमारे परिवार का जिक्र होने पर हमें बहुत खुशी महसूस हुई.
रस्किन बॉन्ड की फैन साधना शर्मा का कहना है कि बॉन्ड फेमस होने के बाद भी सरल तरीके से जिंदगी जीते हैं. उन्हें प्रकृति और बच्चों से बहुत ज्यादा लगाव है. रस्किन बॉन्ड जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं और सामान्य जीवन जीते हैं.
द ब्लू अम्ब्रेला, नाइट ट्रेन एट देओली, द रूम ऑन द रूफ, अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा उनकी कुछ लोकप्रिय किताबें हैं. अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है.
रस्किन का जन्म हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ और वे 1964 से मसूरी में रह रहे हैं. अपने 86वें जन्मदिन के मौके पर उन्होंने 'मिरेकल एट हैप्पी मार्केट' किताब फैन्स को देने के लिए लिखा है.