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विश्वबैंक ने भारत में शिक्षा में सुधार के लिए ₹3700 करोड़ के कर्ज को मंजूरी दी

विश्व बैंक ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने 24 जून 2020 को ऋण को मंजूरी दी है. विश्व बैंक ने कहा कि 15 लाख स्कूलों में पढ़ रहे छह से 17 वर्ष की उम्र के 25 करोड़ विद्यार्थी और एक करोड़ से अधिक इस शिक्षक कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे.

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Published : Jun 28, 2020, 9:16 PM IST

3,700 crore loan approved for improvement in education
शिक्षा में सुधार के लिए करीब 3,700 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी

नई दिल्ली : विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि उसके कार्यकारी निदेशक मंडल ने छह भारतीय राज्यों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और संचालन में सुधार के लिए 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3,700 करोड़ रुपये) के ऋण स्वीकृत किये हैं.

विश्व बैंक ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने 24 जून 2020 को ऋण को मंजूरी दी. विश्व बैंक ने कहा कि 15 लाख स्कूलों में पढ़ रहे छह से 17 वर्ष की उम्र के 25 करोड़ विद्यार्थी और एक करोड़ से अधिक शिक्षक कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे. टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट्स फोर स्टेट्स प्रोग्राम (स्टार्स) कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में शिक्षा को मजबूती देने और हर किसी को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 1994 से भारत और विश्वबैंक के रिश्ते की ठोस बुनियाद पर तैयार हुआ है.

स्टार्स कार्यक्रम से पहले विश्वबैंक ने इस दिशा में तीन अरब डॉलर की सहायता दी थी. बयान में कहा गया कि स्टार्स कार्यक्रम के जरिये समग्र शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों के साथ भागीदारी में मूल्यांकन प्रणालियों को बेहतर बनाने, कक्षा निर्देश और पदावनति को मजबूत करने में मदद करेगा.

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भारत में विश्व बैंक के निदेशक जुनैद अहमद का कहना है कि स्टार्स ने स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन को मजबूत करने शिक्षक क्षमता में निवेश करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है कि किसी भी पृष्ठभूमि का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहे.

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