हैदराबाद : विश्वभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वजह से मौसम से जुड़ी जानकारी मिलने में बाधा आ रही है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जानकारी की उपलब्धता और गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा समन्वित वैश्विक अवलोकन प्रणाली मौसम से जुड़ी जानकारी देती है.
विमान से लिए गए आकड़े सामान्य दिनों की तुलना में 75-80 प्रतिशत कम हो गए हैं. दक्षिणी गोलार्ध में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक है. ऐसा देखा गया है कि सतह से मिलने वाले आकड़ों में भी कमी आई है. यह अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में देख गया है, जहां आंकड़े जमा करने की प्रणाली स्वचालित नहीं है. ज्यादातर विकसित देशों में सतह से मौसम के आंकड़े जमा करने की प्रणाली स्वचालित है.
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेट्री तालास ने कहा कि राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाएं अपना कार्य 24/7 कर रहीं हैं. हालांकि उन्हें कोरोना वायरस से फैली महामारी की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह दिक्कतें विकासशील देशों में ज्यादा हैं.
तालास ने कहा कि वह जान-माल की सुरक्षा में दिन-रात लगे लोगों की निष्ठा को सलाम करते हैं. उन्होंने क्षमता और संसाधनों पर लगातार बढ़ते दबाव पर चिंता जताई है. जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी आपदाएं बढ़ीं हैं. यह प्रशांत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात हेरोल्ड और पूर्वी अफ्रीका में आई बाढ़ में देखा गया है.
उन्होंने कहा कि अटलांटिक तूफान का मौसम आ रहा है. कोविड-19 महामारी इसके खतरे को और बढ़ा देती है. इससे कुछ देशों को ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि सरकारें मौसम को लेकर जानकारी और चेतावनी देने वाली प्रणाली पर ध्यान दें.