नई दिल्ली: डिप्संग के मैदान, फिंगर एरिया और गोगरा में चीन एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. चीन के इस अड़ियल रवैये को लेकर भारत की चीन के साथ कई सैन्य वार्ता पहले भी हो चुकी है. अब एक बार फिर सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए शीर्ष भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेताओं की मुलाकात होने वाली है.
चीनी सैनिक तीन महीनों से इन क्षेत्रों में डेरा जमाए हुए हैं और उन्होंने बंकरों के साथ अपने ठिकानों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि सैन्य नेताओं के साथ शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चल रही स्थिति से निपटने के लिए रणनीति पर चर्चा करेगा.
नेताओं से उम्मीद की जाती है कि चीन के साथ जिस तरह से लगभग तीन महीने तक डिप्संग मैदानी, फिंगर क्षेत्र और गोगरा में भारतीय बलों के साथ गतिरोध का सामना करना पड़ा है, उस स्थिति से निपटने के लिए नेताओं से चर्चा की जाएगी.
भारत और चीन के प्रमुख जनरलों के बीच दौलत बेग ओल्डी में आखिरी बैठक के लगभग एक सप्ताह बाद वरिष्ठ नेतृत्व की बैठक हो रही है. वार्ता के दौरान, भारतीय पक्ष ने चीन से पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 12 और 13 में भारतीय गश्ती दल के लिए बाधा उत्पन्न न करने के लिए कहा था.
चीनी मांग करते रहे हैं कि भारत को डीबीओ और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से हटना चाहिए, लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि भारत ने अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य किया है.