नई दिल्ली : सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता विधेयक पेश करने की सरकार की योजना, जम्मू कश्मीर की स्थिति, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव होने की संभावना है.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के अलावा इस सत्र के दौरान दो अहम अध्यादेशों को कानून में परिवर्तित कराना भी सरकार की योजना में शामिल है.
आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई एवं घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना और विकास को बढ़ावा देना है.
दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जिसमें ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है.
लोकसभा चुनाव में मिले अपार जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा नीत राजग सरकार का यह इस कार्यकाल में दूसरा संसद सत्र है.
संसद का पहला सत्र काफी बेहतर रहा. इस सत्र के दौरान फौरी तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय बनाने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी को और अधिक शक्तियां देने जैसे कई अहम विधेयक दोनों सदनों में पारित हुए.