नई दिल्ली: पिछले चार दिन में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के रूप में देश को एक नया सुपर हीरो मिला है. ऐसा हीरो जो हकीकत में हवा में विमान उड़ाता है, दुश्मन के जहाज को मार गिराता है, शत्रु की धरती पर निडर होकर 60 घंटे बिताता है और फिर विजेता की तरह सधी और निर्भीक चाल से सीमा पार कर अपने देश की सुरक्षित जमीन पर कदम रखता है.
एफ-16 विमान गिराकर पाकिस्तान को गहरा जख्म देने वाला भारतीय वायु सेना का जांबाज लड़ाका अभिनंदन जब तक दुश्मन की गिरफ्त में रहा, देश के करोड़ों लोग हर पल उसकी सुरक्षित वापसी की दुआ करते रहे.
भारतीय वायु सेना के साथ अभिनंदन का पीढ़ियों पुराना रिश्ता
21 जून, 1983 को जन्मे अभिनंदन का भारतीय वायु सेना के साथ पीढ़ियों पुराना रिश्ता है. वह आज मिग-21 उड़ाते हैं और उनके पिता सिंहकुट्टी वर्धमान मिग-21 उड़ा चुके हैं. पांच वर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हुए अभिनंदन के पिता देश के उन चुनिंदा पायलट में से हैं, जिनके पास चार हजार घंटे से ज्यादा तक 40 तरह के विमान उड़ाने का अनुभव हासिल है.
करगिल युद्ध में अभिनंदन के पिता का योगदान
गौरतलब है, अभिनंदन के पिता करगिल युद्ध के दौरान वायुसेना की मिराज स्क्वाड्रन के चीफ आपरेशंस आफिसर थे. अभिनंदन के दादा भी भारतीय वायु सेना में रहे हैं. इस लिहाज से कहें तो देशभक्ति और देश के लिए कुछ करने का जुनून उनकी रगों में दौड़ता है.
मां ने दिया मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन
देशसेवा और बहादुरी में अभिनंदन की मां डॉ. शोभा वर्धमान का भी कुछ कम योगदान नहीं है. अपने परिवार और बच्चों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही उन्होंने मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया.
दुनियाभर में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं देती हैं अभिनंदन की मां
डॉ. शोभा वर्धमान दुनियाभर में मुफ्त में चिकित्सा सेवाएं देने वाले स्वयंसेवकों में शामिल रही हैं. मद्रास मेडिकल कॉलेज से स्नातक डॉ. शोभा ने रॉयल कॉलेज आफ सर्जन्स ऑफ इंग्लैंड से स्नातकोतर की उपाधि ली. वह युद्धरत देशों में हजारों माताओं को प्रसव के बाद होने वाली दिक्कतों से उबारने में मदद करती रही हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर अपने देश और मानवता की सेवा को तत्पर एक मां के बेटे का जिगर ही ऐसा हो सकता है.