भोपाल : मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का भविष्य तय करने वाले उपचुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए तमाम नेता उपचुनाव में अब भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. भले ही सिंधिया समर्थकों को बीजेपी की तरफ से टिकट मिल गया हो, लेकिन के अंदर पूरी तरह रच-बस नहीं पाए हैं. इसकी वजह कहीं न कहीं उन भाजपा नेताओं की नाराजगी भी है, जिनका टिकट कटा है. लिहाजा भाजपा को भितरघात का खतरा बना रहता है. इस खतरे को दूर करने के लिए सीएम शिवराज तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण अब सीएम शिवराज की सभाओं में भी देखने को मिल रहा है, कुछ ऐसा ही मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट पर देखने को मिला.
शिवराज ने झुकाया शीश
शुक्रवार को उपचुनाव वाली सीट सुवासरा में कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अचानक मंच पर घुटनों के बल बैठ गए. पंद्रह दिन में दूसरी बार कार्यकर्ता सम्मेलन में सुवासरा पहुंचे शिवराज ने घुटनों के बल बैठकर कार्यकर्ताओं को नमन किया. अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए सीएम शिवराज ने कहा 'मैं दिल से ज्यादा और दिमाग से कम राजनीति करता हूं और आज मेरा दिल कह रहा है, ''शिवराज यहां बैठकर शीश झुकाकर मंदसौर और नीमच की जनता को प्रणाम कर और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दो.''
घुटने टेकना 'जरूरी और मजबूरी'
माना जा रहा है कि शिवराज का सुवासरा में चुनावी सभा में घुटनों के बल बैठना उनके लिए जरूरी और मजबूरी दोनों ही था. सुवासरा एक ऐसी सीट है, जो पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर हरदीप सिंह डंग ने महज 350 वोटों के अंतर जीती थी है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार राधेश्याम पाटीदार को शिकस्त दी थी. अब डंग भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर भाजपा की राह पहले से ही आसान नहीं है. वहीं पार्टी के कोर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सामने आई है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने घुटनों के बल झुककर एक इमोशनल कार्ड खेला है.
'जातिगत समीकरण साधने की कोशिश'
जातिगत समीकरण के हिसाब से देखा जाए तो यहां पाटीदार समाज के करीब 35 हजार, सोंधिया राजपूत समाज के करीब 40 हजार और पोरवाल जैन समाज के 27 हजार मतदाता हैं. कांग्रेस ने इस बार राकेश पाटीदार पर दाव लगाया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस पाटीदार समाज की बीजेपी से नाराजगी का फायदा उठाना चाहती है. क्योंकि पाटीदार समाज में इस बात को लेकर नाराजगी है कि भाजपा ने राधेश्याम पाटीदार का टिकट काटकर उनके समाज को अनदेखा किया है. लिहाजा सीएम शिवराज सिंह चौहान इस सीट पर पूरा जोर लगा रहे हैं.
28 सीटों पर दिखेगा असर
मुख्यमंत्री शिवराज अच्छी तरह से इन चुनावों की अहमियत जानते हैं. वह यह भी जानते हैं कि सिंपैथी कार्ड के सहारे कैसे चुनाव जीता जाता है. जब उपचुनाव में शिवराज ही पार्टी के चेहरा हैं, तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने, उनको एकजुट करने और वोटरों को रिझाने के लिए शिवराज ने एक मास्टर स्ट्रोक लिया है. भले ही शिवराज ने सुवासरा में मंच पर बैठे हो, लेकिन इसका असर सभी 28 विधानसभा सीटों पर होगा.