नई दिल्ली : 21वीं सदी का भारत प्रगति की ओर बढ़ रहा है. आज हमारा देश आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सक्षम है. शिक्षा का क्षेत्र हो, विज्ञान का क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो, तकनीकी क्षेत्र हो या फिर कृषि क्षेत्र हो. हम विकास की राह जोत रहे हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों में आज भी कोई कमी नहीं आई. आज भी महिला रात के समय अकेले घर से निकलने में हिचकिचाती है.
आइये नजर डालते हैं, महिलाओं के खिलाफ हुई कुछ घटनाओं पर, जिन्होंने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.
निर्भया मामला
23 साल की लड़की से किए गए सामूहिक बलात्कार ने देश का दिल दहला कर रख दिया था. 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह युवकों ने चलती बस में गैंगरेप किया था. इसके बाद इन दरिंदों ने कड़कड़ाती ठंड में पीड़िता को बस के बाहर फेंक दिया था. तब उसके साथ लड़की का मित्र भी था. पीड़िता को सबसे पहले सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. उसकी हालत नाजुक हो गई थी. बाद में सिंगापुर के अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था. परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में भीड़ इंसाफ की मांग करती हुई सड़कों पर उतर आई.
गुड़िया रेप मामला
हिमाचल के इस बहुचर्चित मामले में 4 जुलाई 2017 को स्कूल से घर लौटते समय गायब हुई गुड़िया का क्षत-विक्षत शव 6 जुलाई को दांदी के जंगल में मिला था.
उन्नाव मामला
वर्ष 2017 की वो एक आम दोपहर थी. खाने के बाद ऊंघने का पहर, लेकिन उस दिन जो हुआ, उससे कई रातों तक किसी को ठीक से नींद नहीं आई.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव की एक नाबालिग लड़की ने दिल्ली में अपनी चाची को बताया कि उसके साथ बलात्कार हुआ है. लड़की का बलात्कार उसी के पड़ोसी में रहने वाले विधायक कुलदीप सेंगर ने किया.
कठुआ गैंगरेप
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की आठ वर्षीय एक लड़की का 10 जनवरी, 2018 को अपहरण किया गया. उसके बाद कठुआ जिले के गांव के एक धार्मिक स्थल में मासूम के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी.