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पश्चिम बंगाल को ODF बनाएगी राज्य सरकार

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव वीके जिंदल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के प्रमुख और अन्य सरकारी अधिकारियों ने राज्य को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

ईटीवी भारत से बात करते जिंदल
ईटीवी भारत से बात करते जिंदल

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Published : Dec 26, 2019, 11:41 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र की स्वच्छ भारत अभियान योजना को लागू करके राज्य को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाने का आश्वासन दिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य को एक बड़ा फंड जारी किया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए इस मामले पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव वीके जिंदल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के प्रमुख और अन्य सरकारी अधिकारियों ने राज्य को ओडीएफ बनाने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

जिंदल ने कहा, 'हमने राज्य सरकार को एक बड़ा फंड जारी किया है और हमें आश्वासन दिया गया है कि वे की स्वच्छ भारत अभियान योजना को लागू करेंगे.'

इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार न तो स्मार्ट सिटी प्रतियोगिता (केंद्रीय गवर्नमेंट की एक और प्रमुख परियोजना) में भाग लेती है और न ही किसी अन्य केंद्र प्रायोजित परियोजना में.

जिंदल ने कहा कि सचिव सहित एमओएचयू के शीर्ष अधिकारी राज्य में गए और राज्य सरकार के अधिकारियों से बातचीत की.

ईटीवी भारत से बात करते जिंदल

दिलचस्प बात यह है कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (4167 शहर) के शहरी क्षेत्रों को एसबीएम योजना के तहत ओडीएफ के साथ प्रमाणित किया गया है.

MoHUA के अधिकारियों ने बताया कि 2014 में मिशन की घोषणा के बाद से लगभग 66 लाख व्यक्तिगत घरों में 59 लाख मिशन लक्ष्य के खिलाफ शौचालय बनाए गए थे.

इसके अलावा, 5.08 लाख के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 5.9 लाख सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी किया गया है.

पढे़ं-ODF मिशन : क्या है सरकारी दावों की हकीकत, जानें विशेषज्ञ की राय

जिंदल ने कहा, 'इस साल अब तक, देश भर के 500 से अधिक शहरों को ओडीएफ प्लस के साथ प्रमाणित किया गया है जबकि 250 से अधिक शहरों को ओडीएफ प्लस प्लस घोषित किया गया है,'

अगले कुछ वर्षों में मंत्रालय यह बता रहा है कि सभी शहरों को घोषित किया जाएगा. जिंदल ने लोगों के व्यवहार परिवर्तन पर की स्वच्छ भारत अभियान मील का पत्थर हासिल करने में सफलता का श्रेय दिया.

हाल ही में, MoHUA ने वाटर प्लस प्रोटोकॉल पेश किया है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि किसी भी अनुपचारित अपशिष्ट जल को खुले वातावरण या जल निकायों में छुट्टी नहीं दी जाती है.

दिलचस्प बात यह है कि स्वच्छता सुविधाओं के उपयोग में आसानी के लिए गूगल के साथ MoHUA ने भी टीम बनाई है.

तदनुसार, भारत के 2,300 शहरों ने गूगल मानचित्र पर 58,000 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों को अपलोड किया है, जो भारत की शहरी आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक को कवर करता है.

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