बाड़मेर : जिले की हस्तशिल्प कला को नई पहचान देने और परंपरागत पट्टू निर्माण को संरक्षण के लिए भारत सरकार ने सरहदी क्षेत्र के बुनकर मोडाराम को 2017 का राष्ट्रीय मेरिट अवार्ड देने की घोषणा की है. वहीं, 2017 में राज्य सरकार ने मोडाराम के पुत्र गोविंद मेघवाल को भी सम्मानित किया था.
बता दें कि मोडाराम ने नेशनल मेरिट अवार्ड के लिए हस्तशिल्प कला से निर्मित 33 दिनों में तैयार किए हुए पट्टू को भेजा था. ऑस्ट्रेलियन ऊन से बने इस पट्टू की लागत करीबन 60 हजार रूपए थी. वहीं इसका 2.200 किग्रा वजन था. ऑस्ट्रेलियन ऊन को 31 रुपए प्रति किलो के भाव से खरीद पट्टू बनाया जाता है.
पारंपरिक बुनाई कला अब देश और प्रदेश में बाड़मेर की एक नई पहचान बना रही है. पट्टू बुनकर जो अधिकांश अनपढ़ या अल्प शिक्षित हैं, वह हर सीमाओं से परे जाकर राष्ट्रीय गौरव हासिल कर रहे हैं, जो प्रेरणादायी है.