नई दिल्ली : असम सरकार के राज्य भर में मदरसों को बंद करने का फैसला किए जाने पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने मंगलवार को कहा कि वे इस मुद्दे को संसद तक ले जाएंगे. इंडियन यूनियन मुस्लिम यूथ लीग के महासचिव ज़ुबीर ने कहा कि हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. असम में सभी मदरसा स्कूलों में आधुनिक शिक्षा दी जा रही है. हम स्कूलों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले की निंदा करते हैं.
पहले अधिक स्कूल स्थापित करे सरकार
असम सरकार द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ लड़ाई में आईयूएमएल सभी दलों से समर्थन की अपील करेगी. लोकसभा में आईयूएमएल के 3 सांसद हैं और राज्य सभा में एक सांसद है. असम सरकार 614 मदरसे चलाती है. 900 निजी तौर पर चलाए जाते हैं. निजी तौर पर ज्यादातर जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा चलाए जाते हैं. ज़ुबीर ने कहा कि असम में पिछड़े अल्पसंख्यकों के लिए स्कूलों की कमी है. इन मदरसों में समुदाय के लोगों को शिक्षा मिलती है. अगर सरकार को मदरसे बंद करने हैं, तो पहले उन्हें पिछड़े और अल्पसंख्यकों के लिए और अधिक स्कूल स्थापित करने चाहिए.