नई दिल्ली : ऐसे समय में जब केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों को समझाने की पूरी कोशिश कर रही है, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि वह मौजूदा कानून में संशोधन के बजाए नए कृषि कानून को स्वाकार करेंगे.
उन्होंने शनिवार को ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि वह सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून में संशोधन की जगह एक नए कृषि कानून को स्वीकार करेंगे.
मोल्ला ने कहा, 'हम एक नया कानून स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, जहां केंद्र सरकार और कृषि क्षेत्र दोनों अपने सुझाव दे सकते हैं, लेकिन हम मौजूदा संशोधनों को स्वीकार नहीं करेंगे. देश के 70 करोड़ किसान मौजूदा कानून के खिलाफ हैं.'
शनिवार को किसान आंदोलन का 17 वां दिन है और किसान अभी भी सिंघू और दिल्ली के आसपास की अन्य सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
कृषि कानूनों को किसानों का विरोधी करार देते हुए, आंदोलनकारी उस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जब कृषि से संबंधित पहला अध्यादेश आया, तो हमने पूरे भारत में इसका विरोध किया. अब हम पिछले छह महीनों से कृषि कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं. मोल्लाह ने कहा कि बातचीत के नाम पर सरकार अपने पुराने स्टैंड को दोहरा रही है.
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ऐसे ही कि हमें मलेरिया की बीमारी हो रही है और सरकार हमें कॉलेरा की दवा देना चाहती है.