नई दिल्ली : हाल ही में हुई गुप्कर घोषणा को खारिज करते हुए पाकिस्तान तेजी से प्रतिक्रिया दे रहा है. जिसमें जम्मू और कश्मीर के छह राजनीतिक दलों ने धारा 370 के उन्मूलन के खिलाफ सामूहिक रूप से कसम खाई थी. नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि 'हम किसी की कठपुतली नहीं हैं'
22 अगस्त को जारी एक घोषणापत्र में, मुख्यधारा के छह प्रमुख राजनीतिक दल धारा 370 को बहाल करने के लिए एक साथ आए. जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए पिछले साल संसद द्वारा अनुमोदित 'असंवैधानिक' कदम के रूप में वर्णित करने के बाद इसे समाप्त कर दिया.
संयुक्त बयान को 'गुप्कर घोषणा-2' के रूप में जाना जाता है, अब्दुल्ला के गुप्कर रोड निवास पर आयोजित बैठकों में जारी अनुच्छेद 370 पर दूसरी घोषणा की जा रही है. जो स्पष्ट रूप से केंद्र से पूछता है कि 'हमारे बिना-हमारे बारे में कुछ नहीं हो सकता', केंद्र को किसी भी संवैधानिक परिवर्तन को लागू करने से पहले लोगों को विश्वास में लेना होगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक बयान में कहा गया कि एनसी, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य दलों द्वारा जारी घोषणा एक सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि एक महत्वपूर्ण विकास है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों से बुरा बर्ताव किया है, लेकिन अचानक से वह हमें पसंद करने लगे.