जयपुर : राजस्थान का दौसा शहर चिड़ी को बासो, अन्न घणो, पण पाणी को प्यासो. मतलब दौसा में अन्न यानी अनाज तो बहुत है, लेकिन यहां पानी की कमी है. यह कहावत यहां के लोगों की जुबान पर हमेशा रहती है. इसके पीछे कारण है कि यहां का भूजल स्तर काफी नीचे जा चुका है.
जल है तो कल है और जल का आज संरक्षण करेंगे तो कल बेहतर होगा. इसी सोच को देखते हुए अब दौसा कलेक्टर पीयूष समारिया जल संरक्षण पर जोर दे रहे हैं. जल शक्ति अभियान के तहत प्रत्येक सरकारी भवन में वर्षा जल पुनर्भरण टैंक बनवाए जा रहे हैं. दौसा जिले के सभी सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों को भी इसके लिए निर्देश दिए गए हैं.
ऐसे में अनेक संस्थाओं की ओर से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Water Harvesting System) बना दिए गए हैं, जिससे वर्षा का जल संरक्षण हो रहा है और जो आगामी समय में डार्क जोन में तब्दील हुए दौसा के लिए वरदान साबित होगा. दौसा जिले में गंभीर पेयजल संकट है और जिले के अधिकतर इलाकों में भूजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं.
दौसा शहर को बीसलपुर से 20 लाख लीटर पानी मिल रहा है, जो भी नाकाफी है, लेकिन दौसा जिले के अन्य कस्बों और ग्रामीण इलाकों में हालात काफी खराब है. ऐसे में समय रहते हुए यदि सतर्क नहीं हुए और जागरूकता नहीं आई तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं.
दौसा कलेक्टर की पहल
दौसा जिले में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए इस बार कलेक्टर पीयूष समारिया जल शक्ति अभियान के तहत विशेष कार्य करने में लगे हुए हैं ताकि दौसा जिले में भूजल के स्तर की गिरावट को रोकी जा सके और दौसा जिले को पानी उपलब्ध कराया जा सके. हालांकि सरकार के प्रोजेक्ट आने में काफी वर्ष लग सकते हैं. ऐसे में जागरूकता से ही दौसा जिले के लोगों को आगामी गर्मियों या फिर आने वाले सालों में पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है.
सरकारी और निजी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने की अपील
दौसा कलेक्टर की ओर से इस बार सरकारी भवनों और निजी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने की अपील की जा रही है. इसके लिए सरकारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. कलेक्टर के निर्देश के बाद दौसा के सभी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है, अधिकतर स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा भी दिया गया है, जिससे वर्षा जल का संरक्षण हो रहा है. जिसके बाद देखने को ये भी मिला है कि जिस जगह पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाता है, उस जगह के आस-पास के क्षेत्र में भूजल के स्तर की गिरावट पर रोक लगती है और क्षेत्र में जो जल स्रोत होता है, वह रिचार्ज हो जाता है. जिससे उसमें पानी लगातार आता रहता है.
जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष कार्य
इसी को देखते हुए इस बार वृहद स्तर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए जा रहे हैं, ताकि नलकूप, हैंडपंप, एकल बिंदु आदि में पानी का स्तर बना रहे और आगामी वर्षों में भी ये दौसा जिले की जनता को पानी पिलाते रहे. जल शक्ति अभियान के तहत दौसा में वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे हैं ताकि डार्क जोन जिला दौसा में पेयजल उपलब्ध कराए जा सके. हालांकि इसके लिए कलेक्टर ने सभी सरकारी अधिकारियों को अपने कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दे दिए हैं.