नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी प्रदान करते हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर उन्होंने कहा, 'हम कारोबार सुगमता की वैश्विक रैकिंग पर लगातार चढ़ते जा रहे हैं. हम अर्थव्यवस्था में रचनात्मक व्यवधान देख रहे हैं. अर्थव्यवस्था पर उनका प्रतिकूल प्रभाव क्षणिक ही होगा और अर्थव्यवस्था फिर से उच्च वृद्धिदर के मार्ग पर लौट आएगा.'
ठेंगड़ी ने अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल की वकालत की थी और भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच और संघ के कई अन्य संगठनों की स्थापना की थी.
नायडू ने एक नयी शब्दावली एलपीजी गढी जिसमें एल यानी लिबराइजेश (उदारीकरण), पी यानी प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) और जी यानी ग्लोबलाइजेशन (वैश्वीकरण) है. उन्होंने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी देते हैं.