नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की जिन 14 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है, उनमें कई दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है. इस चरण में सबसे कांटे का मुकाबला अमेठी सीट पर देखने को मिल रहा है. यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लड़ाई केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी से है.
अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद से ही स्मृति लगातार अमेठी में डटी हुई हैं. उनके पक्ष में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रोडशो किया है, मुख्यमंत्री योगी सहित अनेक नेताओं ने जनसभाएं की हैं. 2014 से इस चुनाव तक केंद्रीय मंत्री 21 बार अमेठी पहुंचीं हैं और 26 दिन अपने संसदीय क्षेत्र में रुकीं.
पिछले 2014 में मोदी लहर के बीच राहुल ने स्मृति को हराया था. 2019 में स्मृति फिर से अमेठी से मैदान में हैं.
दूसरी तरफ राहुल की ओर से कांग्रेस की स्टार प्रचारक और उनकी बहन प्रियंका गांधी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार अमेठी में प्रचार कर रहे हैं. प्रियंका ने अपने रोडशो और नुक्कड़ सभाओं में स्मृति ईरानी को बाहरी बताया है.
राहुल ने 2014 में स्मृति को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. राहुल 2004 से अमेठी के सांसद हैं. वे यहां से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं. वैसे यहां पर सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस के समर्थन में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, जिसे कांग्रेस अपना प्लस पॉइंट मान रही है.
बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 6 मई को रायबरेली और अमेठी में होने वाले मतदान में गठबंधन के कार्यकतार्ओं से कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की थी.