मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां दोनों ही राज्यों में सत्ता बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं जबकि विपक्षी दल सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठाते हुए इसे अपने पक्ष में करने के प्रयास में हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा की अगुआई वाले महागठबंधन अथवा 'महायुति' एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस गठबंधन अथवा 'महा अघाड़ी' (मोर्चा) के बीच है. इस चुनाव में 4,28,43,635 महिला मतदाताओं सहित कुल 8,98,39,600 मतदाता मतदान के लिए योग्य हैं.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 235 महिलाओं समेत 3,237 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. मतदान के लिए 96,661 मतदान केंद्र बनाये गये हैं, जिन पर साढ़े छह लाख कर्मचारी तैनात किये गये हैं.
मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा. महाराष्ट्र में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के तीन लाख से अधिक कर्मियों की तैनाती करके सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. मतगणना 24 अक्टूबर को होगी.
भाजपा द्वारा किये गये चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके कैबिनेट सहयोगियों अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया. भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रवाद के मुद्दे को उठाया और विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना बनाया.
विपक्ष ने केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी के लिए सत्तारूढ़ दल को दोषी ठहराया और नोटबंदी की 'विफलता' और जीएसटी जैसे मुद्दों को रेखांकित करने का प्रयास किया.
महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत है. भाजपा 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें उसके कमल के निशान पर चुनाव लड़ने वाले छोटे सहयोगी दलों के उम्मीदवार शामिल हैं. वहीं शिवसेना ने 126 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं.
दूसरी ओर, कांग्रेस ने 147 और सहयोगी राकांपा ने 121 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. अन्य दलों में, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने 101 उम्मीदवार, भाकपा ने 16, माकपा ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं. बसपा ने 262 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कुल 1400 निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं.
हालांकि, विपक्ष का प्रचार अभियान फीका रहा क्योंकि कांग्रेस और राकांपा दोनों अंदरूनी खींचतान और चुनावों से पहले नेताओं के पार्टी छोड़ने से प्रभावित थीं.
सतारा लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव सोमवार को ही होगा. राकांपा के पूर्व नेता और मौजूदा सांसद उदयनराजे भोसले भाजपा के टिकट पर कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के श्रीनिवास पाटिल के खिलाफ मैदान में हैं.
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा प्रमुख शरद पवार द्वारा एकदूसरे पर निजी हमले किये गये. 79 वर्षीय पवार ने कई रैलियों को संबोधित किया. हालांकि, कांग्रेस और राकांपा एक भी संयुक्त रैली आयोजित करने में विफल रहीं.
पीएम मोदी ने जहां पूरे राज्य में नौ रैलियों को संबोधित किया, वहीं राहुल गांधी ने छह जनसभाएं की.
इस प्रचार अभियान में भाजपा और शिवसेना के बीच वर्चस्व के लिए जद्दोजहद देखने को मिली. भाजपा और शिवसेना ने पिछला विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था और क्रमशः 122 और 63 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को 42 और राकांपा को 41 सीटें मिली थीं.
अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 41 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने एक और राकांपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी.
चुनाव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री फडणवीस और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण शामिल हैं. वहीं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण सतारा जिले के कराद दक्षिण से चुनाव मैदान में हैं.
उद्धव ठाकरे के पुत्र एवं युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं. ठाकरे परिवार से चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले 29 वर्षीय आदित्य पहले व्यक्ति हैं.