वाराणसी :सनातन धर्म में मुहूर्त और नक्षत्रों का विशेष महत्व है. धर्म शास्त्रों के मुताबिक सही मुहूर्त मिलने पर ही शुभ कार्य करने की अनुमति दी गई है. सामान्य रूप से खरमास की समाप्ति के बाद शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इस साल 2021 में 15 जनवरी को खरमास खत्म हो गया है. इसके बाद भी शुभ कार्य नहीं शुरू हो रहे हैं. इसकी वजह ग्रहों की बदली हुई चाल है. इसके कारण पहले देव गुरु बृहस्पति और फिर शुक्र अस्त हो रहे हैं. इसलिए इस बार 22 अप्रैल से विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं.
22 अप्रैल से विवाह के शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने और मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है, लेकिन खरमास खत्म होने के बाद दो महत्वपूर्ण ग्रहों के अस्त होने का सिलसिला जारी रहेगा. इस वजह से इस बार शुभ लग्न अभी नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से मांगलिक कार्यक्रमों (विवाह-तिलक आदि) की शुरुआत 22 अप्रैल के बाद ही होगी. मई और जून में भी शुभ मुहूर्त के लग्न हैं.
पहले गुरु, फिर शुक्र होंगे अस्त
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुभाष पांडेय का कहना है कि आमतौर पर खरमास खत्म होने के बाद शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. इसकी बड़ी वजह यह है कि 16 जनवरी को गुरु अस्त हो रहे हैं और वह 12 फरवरी को उदित होंगे. इसी क्रम में 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र अस्त रहेंगे.
शास्त्रों के मत