हैदराबाद : चीन में घातक कोरोना वायरस से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही इस विषाणु से अब तक यहां 28 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. चीन के बाहर इस वायरस के लगभग दो सौ मामले सामने आ चुके हैं. चिकित्सा जगत के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इस वायरस से निपटने के लिए अब तक किसी दवा की खोज नहीं हो पाई है. कुछ राहत की बात है कि इसे रोकने के लिए एक टीका तैयार कर लिया गया है.
यह पहला मौका नहीं है, जब दुनिया ऐसे जानलेवा वायरस से जूझ रही है. इससे पहले दो दशक में यह ऐसा सातवां मौका है कि जब इस तरह के खतरनाक वायरस का सामना दुनियाभर में किया गया.
आइए जानते हैं कि पिछले दो दशक में किस वायरस ने कितने लोगों की जान ली और पूरी दुनिया को किस तरह से प्रभावित किया है:-
गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (एसईआरएस)
- 2003: इस श्वसन सिंड्रोम को मिडिल-ईस्ट श्वसन लक्ष्ण (एसईआरएस) के नाम से भी जाना जाता है. पहली बार यह सिंड्रोम 2003 में पहचाना गया था. इस वायरस से आठ हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए थे और 774 लोगों की मौत हुई थी.
H1N1 फ्लू
- 2009: H1N1 फ्लू से दुनियाभर में करीब छह लाख लोग संक्रमित हुए थे. सबसे पहले 1919 में स्वाइन फ्लू यानि H1N1 फैला था. ये कहां से फैला इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन ये वायरस सुअर के जरिए इंसानों में फैला था. इस महामारी ने साढ़े अठारह हजार लोगों की जान ले ली थी. दरअसल H1N1 वायरस स्वाइन फ्लू का ही एक प्रकार माना जाता है, जो सुअरों का श्वसन रोग है. वर्ष 1998 में सूअर फ्लू चार अमेरिकी राज्यों में पाए गया. एक वर्ष के भीतर-भीतर यह संयुक्त राज्य में सुअर आबादियों के बीच फैल गया.