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कोरोना से लड़ाई : यदि लापरवाही जारी रही तो भयावह होंगे हालात - lockdown norms

भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. खुद प्रधानमंत्री ने इस बात को स्वीकारा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस महायुद्ध में हर एक नागरिक का निर्णायक अंशदान होगा, लेकिन लोग अब भी नियमों को लेकर संजीदा नहीं हैं. विश्लेषकों का मानना है कि यदि नियमों उल्लंघन ऐसे ही होता रहा तो संक्रमण और तेजी फैलेगा.

violation of lockdown norms
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Published : Jul 13, 2020, 3:53 PM IST

हैदराबाद : कोरोना वायरस अब भी पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. अमेरिका अकेले दुनिया के कुल संक्रमितों (लगभग 1.2 करोड़) का एक चौथाई हिस्सा लेकर बैठा है. उसके बाद ब्राजील है, जहां 17 लाख से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. तीसरे स्थान पर भारत है, जहां नौ लाख के करीब लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. हर रोज बड़ी संख्या में संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं, जो वाकई चिंताजनक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जल्द खत्म नहीं होगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के प्रसार को लेकर नए खुलासे किए हैं. इसमें पता चला है कि यह वायरस हवा से भी फैल सकता है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है, ताकि लोगों के खांसने और छींकने से वायरस का प्रसार न हो. इसी वजह से धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल, संग्रहालय, जिम आदि जैसी सार्वजनिक जगहों को बंद कर दिया गया है.

प्रतिबंधों और संक्रमण के खतरे के बावजूद यह देखा गया है कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. विशेषज्ञों ने इस बात को बार-बार दोहराया है कि सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य होने के साथ-साथ थूकने पर भी प्रतिबंध होना चाहिए. इसके बावजूद लोग इन नियमों का पालन करते नहीं दिख रहे हैं.

विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों के सड़कों पर टहलने और लोगों के मास्क न पहनने से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. आने वाले समय में इससे संक्रमण और तेजी से फैलेगा. देश के जागरूक नागरिकों को खुद के साथ-साथ समाज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के नियमों का पालन करना चाहिए.

पढ़ें-भारत में कोरोना : बीते 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 28,701 नए पॉजिटिव, 3 लाख से ज्यादा एक्टिव केस

पीएण मोदी सच ही कहा था कि कोरोना के खिलाफ इस महायुद्ध में देश के नागरिक निर्णायक योगदान देंगे, लेकिन जमीनी स्तर पर लोग यह सोच रखते हैं, 'एक व्यक्ति के सड़कों पर घूमने से कुछ नहीं होगा या सिर्फ मेरे घूमने से कुछ नहीं होगा.'

इस तरह की धारणा पूरे समाज को खतरे में डाल देती है. ओडिशा में अब तक मास्क न पहनने वालों से 1.25 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों से दिल्ली पुलिस ने एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूला है. इसी तरह से केरल सरकार ने मास्क न पहनने पर या सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर दो वर्ष और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रवधान किया है.

नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जाना किसी भी नागरिक के लिए शर्मनाक है. यदि लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझेंगे तो यह सबके लिए खतरे को बढ़ा देगा. कोरोना के खिलाफ युद्ध तभी जीता जा सकेगा, जब लोग सरकार की सीमाओं को समझते हुए अपने कर्तव्यों को निभाएंगे.

लोगों के योगदान के बगैर इस लड़ाई को जीता नहीं जा सकता. एक सैनिक की तरह हर नागरिक को तैयार रहना होगा. मास्क पहनना, साफ-सफाई रखना, सामाजिक दूरी बनाए रखना आदि अत्यधिक आवश्यक है. इस तरह से ही हम एक मुहिम शुरू कर पाएंगे और कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीत पाएंगे.

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