नई दिल्ली :लेखक विनय सीतापति ने अपनी एक नयी पुस्तक में दावा किया है कि कांग्रेस ऐसी पहली राजनीतिक पार्टी थी, जिसने 1983 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शहर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित हिंदू सम्मेलन में अयोध्या आंदोलन को 'प्रोत्साहित' किया था.
सीतापति ने 'जुगलबंदी: द बीजेपी बीफोर मोदी' पुस्तक में कहा है कि यह महज संयोग नहीं था कि कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री दाऊ दयाल खन्ना और गुलजारीलाल नंदा इस सम्मेलन में उपस्थित थे. 'पुस्तक का प्रकाशन पेंग्वीन ने किया है.
खन्ना उत्तर प्रदेश में मंत्री रहे थे, जबकि कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल नंदा देश के तीन प्रथम प्रधानमंत्रियों --जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी--के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे. नंदा दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, 1964 में नेहरू के निधन के बाद और 1966 में शास्त्री की मृत्यु के बाद.
सीतापति ने पुस्तक में दावा किया है, 'अयोध्या आंदोलन को प्रोत्साहित करने वाली पहली पार्टी कांग्रेस थी. यहां तक कि (लाल कृष्ण) आडवाणी ने अयोध्या आंदोलन के लिए कांग्रेस का शुरुआती समर्थन स्वीकार किया था. वहीं, इसके उलट भाजपा दूर रही थी.'
सीतापति ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की जीवनी 'हाफ लॉयन' भी लिखी है.
सीतापति ने अपनी नयी पुस्तक में कहा है, '...जब विहिप ने 1983 में मुजफ्फरनगर में हिंदू सम्मेलन आयोजित किया था, खुद को तुलसीदास के 20वीं सदी का अवतार बताने वाले दाऊ दयाल खन्ना स्टार वक्ता थे. कांग्रेस के एक अन्य नेता गुलजारीलाल नंदा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उपस्थिति में खन्ना ने अपने विचार एक बार फिर से प्रकट किए, जिसमें उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर जोर दिया. '