विजयवाड़ा : आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने के लिए कनक दुर्गा इंद्रकीलाद्री मंदिर ने अहम पहल की है. यहां मंदिर परिसर में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
कृष्णा नदी तट की पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध इंद्रकीलाद्री मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से प्लास्टिक कवर न लाने की हिदायत दी है. अगर कोई भी व्यक्ति मंदिर प्रशासन के आदेश का पालन नहीं करेगा, तो उस पर प्रशासन ने जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है.
पर्यावरण अधिकारी, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर इस क्षेत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
मंदिर के अधिकारी सुरेश बाबू ने कहा, कि हमने मंदिर परिसर में प्लास्टिक लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हम बैनर, मीडिया और ऑन-स्पॉट घोषणाओं के माध्यम से इस बाबत संदेश भेज रहे हैं. साथ ही हम भक्तों से अनुरोध कर रहे हैं कि वह इंद्रकीलाद्री पहाड़ी पर प्लास्टिक की थैलियां न लाएं.
उन्होंने बताया कि यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो संबंधित टीम उचित कार्रवाई करेगी. 'प्रसाद' वितरण के लिए हम जैव-अपघटनीय कवर का उपयोग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कनक दुर्गा मंदिर शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले स्थानों में से एक है. यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. त्योहारों और छुट्टियों के समय मंदिर में भीड़ बढ़ जाती है, जिससे इन दिनों प्लास्टिक का अधिक उपयोग होता है.
ज्यादातर भक्त प्लास्टिक थैलियों में पूजा का सामान लाते हैं. लेकिन अब से मंदिर परिसर में केवल कपड़े की थैलियों की ही अनुमति दी जाएगी.
कोटेश्वरम्मा जब इस मंदिर की कार्यकारी अधिकारी थीं, तो उन्होंने देवी मां पर चढ़ाए गए कपड़ों से बैग बनाने का आदेश दिया. लेकिन इस पहल से मंदिर को मिलने वाले फंड पर असर पड़ने लगा.
हालांकि वर्तमान कार्यकारी अधिकारी सुरेश बाबू, पहले से ही पर्याप्त संख्या में कपड़ों के बैग के लिए आदेश दे चुके हैं.
उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए. यहां तक कि मंदिर परिसर में विक्रेताओं को भी प्लास्टिक बैग नहीं बेचने के आदेश जारी किए गए हैं.
महा मंडप की पांचवीं मंजिल पर पूजा की सामग्री बेची जाती है. यहां विक्रेताओं ने पहले ही अपनी दुकानों में प्लास्टिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
विजयवाड़ा को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में मंदिर के अधिकारियों, विक्रेताओं और भक्तों का यह प्रयास निश्चित रूप से लंबे समय के लिए फायदेमंद साबित होगा.
ईटीवी भारत की मुहिम से जुड़ी अन्य खबरें
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : आध्यात्मिक शहर तिरुपति हुआ प्लास्टिक मुक्त
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अपनी कोशिशों से प्लास्टिक मुक्त बन रहे हैं झारखंड के गांव
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुदुचेरी के ग्रामीणों की पहल से आई स्वच्छता, पर्यटन के लिए हुआ लोकप्रिय
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : भोपाल को प्लास्टिक मुक्त बनाने की ओर एक कदम...
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : मध्य प्रदेश के बैतूल में नगर निगम ने बनाया 'बर्तन बैंक'
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : लकड़ी की कंघी बनाने के लिए मशहूर हैं उज्जैन के छगनलाल
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : संकल्प की मिसाल बना इंदौर का 'ब्लू विलेज,' देखें खास रिपोर्ट
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ की श्रद्धा ने बनाया क्रॉकरी बैंक
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरा मुक्त बनने की दिशा में वाराणसी रेलवे स्टेशन
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : स्वच्छता की मिसाल बनी उत्तराखंड की केवल विहार कॉलोनी
नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : उत्तराखंड की आस्था ने बनाई बाल पंचायत, कचरा मुक्त बन रहा तौली गांव