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उपराष्ट्रपति ने भूगर्भ जल दोहन पर जताई चिंता, कहा- जल संरक्षण को बनाए आंदोलन - वेंकैया नायडू ने भूगर्भ जल दोहन पर जताई चिंता

झारखंड की राजधानी रांची में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार किसानों को मजबूत बनाने के लिए कई काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बिना किसान को विकसित किए हुए राज्य और देश का विकास संभव नहीं है. पढ़ें पूरी खबर.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू.

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Published : Aug 10, 2019, 4:41 PM IST

रांची: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शनिवार को झारखंड की राजधानी रांची पहंचे. वहां उन्होंने मौजूदा दौर में भूगर्भ जल के दोहन पर चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण को आंदोलन बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है और जल स्तर नीचे गिर रहा है, इससे सिंचाई की लागत बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए आंदोलन चलना चाहिए और वर्षा जल संरक्षण के लिए भी काम होना जरूरी है.

रांची में लोगों को संबोधित करते उपराष्ट्रपति

राजधानी रांची में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार किसानों को मजबूत बनाने के लिए कई काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बिना किसान को विकसित किए हुए राज्य और देश का विकास संभव नहीं है. किसानों के लिए शुरू की गई इस योजना समेत राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के लिए उन्होंने बकायदा राज्य सरकार की पीठ थपथपाई. इस मौके पर 13 लाख 60 हजार 380 किसानों के खाते में 442 करोड़ रुपये डीबीटी ( प्रत्यक्ष लाभ अंतरण ) किए गए.

महिलाओं की बढ़े भागीदारी
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार अब सीधे बैंक अकाउंट में लाभुक को पैसा भेज रही है. पहले दिल्ली या रांची से लाभुक तक पैसे पहुंचने में बहुत दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि पहले की व्यवस्था में आवेदन देना पड़ता था, फाइल तैयार होती थी फिर वह अलग-अलग विभागों में जाती थी. इसके बाद बकायदा लाइन में खड़े होकर के लाभुकों को मेहनत करनी होती थी और पैसे 'और भी' जगह जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार आधी आबादी को मजबूत करने में लगी है. यही वजह है कि सरकारी योजनाओं में महिलाओं का नाम पहले लिया जा रहा है. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि दरअसल कई बार कुछ पुरुषों को शाम में कभी-कभी इधर-उधर जाने का मूड होने लगता है. ऐसे में पैसे उसमें खर्च हो जाते हैं. इन परिस्थितियों में महिलाओं के अकाउंट में पैसा जाने पर परिवार का ज्यादा लाभ होगा. उन्होंने कहा कि आधी आबादी परिवार संभालने में पैसा ज्यादा खर्च करती हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इस योजना के तहत समानुपातिक दर से 0 से 5 एकड़ तक के मालिकाना हक वाले किसानों को अधिकतम 5 हजार से 25 हजार रुपये तक सीधे खाते में पहुंचाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पहली किश्त है और दूसरी किश्त जल्द ही उन तक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार इस योजना के तहत 3 हजार करोड़ रुपए प्रदेश के किसानों के लिए खर्च कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार तीन अलग-अलग किश्तों में 2 हजार करोड़ रुपए भेज रही है.

बढ़ेगा समर्थन मूल्य पर बोनस
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि केंद्र सरकार ने धान और अन्य पर समर्थन मूल्य 1,815 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है. अब राज्य सरकार भी उस पर 185 प्रति क्विंटल बोनस देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि एक-दो महीने में इस पर भी फैसला हो जाएगा. इस तरह कुल 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल अनाज राज्य सरकार किसान से खरीदेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 हजार किसानों के खाते में 2 हजार मोबाइल खरीदने के लिए दिया जाएगा, ताकि वह ईनाम में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकें. उन्होंने कहा कि राज्य में 17 लाख से अधिक किसानों के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड बना है. इसके साथ ही झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां कृषि के लिए 260 सिंगल विंडो सिस्टम काम कर रहे हैं. इस मौके पर 5 किसानों को प्रमाण पत्र भी दिया गया. उनमें अक्षि टोप्पो, नजमा खातून, सरला गोराई, सूरज लकड़ा और मोहम्मद इदरीश शामिल हैं. कार्यक्रम में गवर्नर द्रौपदी मुरमू, राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश, प्रदेश के कृषि मंत्री रणधीर सिंह समेत कई लोग शामिल रहे.

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