नई दिल्ली :उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू की तीन बाल्टिक देशों -लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया की यात्रा सम्पन्न हो गई है. इन तीन देशों में भारत के उपराष्ट्रपति की यह प्रथम यात्रा थी. यात्रा के दौरान तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ व्यापक वार्ता हुई. भारत ने तीनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया. उपराष्ट्रपति ने तीनों देशों में व्यापार मंचों और प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के प्रयास की निंदा की. उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने आंतरिक मामलों में मध्यस्थता या हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा.उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधार का आह्वान और भारत के स्थायी सदस्यता के दावे के लिए समर्थन का अनुरोध किया. इतमा ही नहीं उन्होंने आतंकवाद की निंदा की और विश्व समुदाय से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को जल्द अपनाने का आह्वान किया.
इस यात्रा के दौरान नायडू ने तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ व्यापक बातचीत की और व्यापार मंचों तथा प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित किया. तीनों बाल्टिक देशों ने उपराष्ट्रपति को भरोसा दिलाया कि विविध बहुपक्षीय मंचों पर भारत के साथ मिलकर कार्य करेंगे तथा उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया.
नायडू ने अपनी यात्रा की शुरूआत लिथुआनिया से की. अपनी यात्रा के प्रथम चरण में उन्होंने लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानस नोसदा से राजधानी विलनियस में मुलाकात की. उन्होंने लिथुआनिया के राष्ट्रपति को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने संबंधी भारत सरकार के हाल के निर्णय की जानकारी दी. उपराष्ट्रपति ने पुलवामा हमले की निंदा करने के लिए लिथुआनिया सरकार का आभार प्रकट किया.
लिथुआनियाकी राजधानी विलनियस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार क्षमता से कम है. लैजर, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और जीवन विज्ञान जैसे क्षेत्रों में लिथुआनिया भारत का प्रमुख प्रौद्योगिकी सहयोगी बन सकता है.
तीन बाल्टिक देशों की यात्रा के तीसरे दिन उपराष्ट्रपति लिथुआनिया के प्रधानमंत्री सैलियस स्केवर्नेलिसतथा लिथुआनिया गणराज्य के संसद के अध्यक्ष विक्टर प्रैंकिटिस से मुलाकात की और भारतीय-लिथुआनिया व्यापार फोरम को संबोधित किया. इसके बाद, उपराष्ट्रपति रीगा, लातविया के लिए रवाना हो गये, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री सैलियस स्केवर्नेलिस के साथ विचार-विमर्श के दौरान उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और इसके लोकतंत्रीकरण पर बल दिया. उन्होंने लिथुआनिया से सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के संबंध में भारतीय दावे को समर्थन देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि भारत में पूरी दुनिया की आबादी का छठा भाग निवास करता है.
इसके पहले भारत-लिथुआनिया व्यापार फोरम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने लिथुआनिया के व्यावसायियों को भारत में उपलब्ध अवसरों का उपयोग करने का आग्रह किया. यूरोपीय संघ की तुलना में भारत का मध्यम वर्ग अधिक बढ़ा है.
नायडू ने विश्व बैंक के ‘व्यापार में आसानी'सूची में 14वां स्थान प्राप्त करने के लिए लिथुआनिया की सराहना की. उन्होंने कहा कि आईटी, दवा उद्योग और कृषि-खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में दोनों राष्ट्र सहयोग कर सकते है.
लातविया की राजधानी रीगा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1991 में दोनों राष्ट्रों के बीच राजनायिक संबंध स्थापित होने के बाद लातविया और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध रहे है. भारत लातविया के साथ व्यापार, निवेश, संस्कृति, शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को दुनिया भर में अपने 30 मिलियन मजबूत भारतीय मूल के लोगों द्वारा किए गए योगदान पर गर्व है. उन्होंने कहा, 'आप भारत में विदेशी निवेश, प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता और सद्भावना लाने में मददगार रहे हैं.'
अपनी यात्रा के चौथे दिन, उपराष्ट्रपति ने रीगा में लातविया गणराज्य के राष्ट्रपति श्री एगिल्स लेविट्स और प्रधानमंत्री श्री क्रिस्जानिस कारी के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया.
लातविया के राष्ट्रपति के साथ मीडिया को संबोधित करते हुएश्री नायडू ने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है. उन्होंने आतंकवाद के खतरे पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक शांति और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों को एक साथ आना होगा.
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए लातविया के समर्थन की इच्छा व्यक्त की.