नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले वर्ष की भांति इस बार भी अयोध्या में धूमधाम से दीपोत्सव मनाने की घोषणा की है. दीपोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है. फिलहाल विपक्ष के बयानों पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि दीपोत्सव अयोध्या में नहीं तो और कहां मनाया जाएगा.
बता दें कि दीपोत्सव मनाये जाने पर विपक्ष ने कहा कि सरकार जनता का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाने के लिए दीपोत्सव को मुद्दा बना रही है.
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, 'दीपोत्सव पिछली बार भी हुआ था और पांच लाख दीए जलाये गये थे. यह पहली बार नहीं हो रहा है.'
राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा, 'हां, ये जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट में हुई पूरी बहस से हमें विश्वास हुआ है कि हमारा मुकदमा ठोस तथ्यों पर आधारित है. हम उसके प्रमाण स्पष्ट रूप से दे पाएंगे. हमारी बहस कानून के अनुसार ताकतवर है और हम विजय की अपेक्षा करते हैं.'
बता दें कि कुछ दिनों पहले यह मामला भी सामने आया था कि दिवाली के मौके पर विहिप ने विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई थी. इसके लिए अयोध्या के कमिश्नर से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन बाद में इसे स्थगित किया गया.
ईटीवी भारत से बात करते विहिप नेता. विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने इस सवाल पर कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम विहिप द्वारा तय नहीं किया गया था. हां, कुछ संत जरूर गये थे, जिनके साथ स्थानीय विहिप का एक प्रतिनिधि भी गया था. लेकिन वो निजी रूप से संतों के साथ गया था न कि विहिप की तरफ से गया था.
वहीं राम मंदिर फैसले पर जैन ने कहा, 'न्यायालय का निर्णय न तो भावनाओं के आधार पर आता है और न ही कयासों के आधार पर, यह केवल तथ्यों के आधार पर ही आता है.'
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सुरेन्द्र जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो तथ्य पेश किये गये हैं, उनसे ये साबित हो चुका है कि पूर्व में उस स्थान पर राम मंदिर था, जिसे बाबर द्वारा तोड़ कर मस्जिद का निर्माण कराया गया.
अयोध्या में हो रहे दीपोत्सव पर जैन ने कहा कि इस तरह का भव्य आयोजन अयोध्या में ही होना चाहिए, जो भगवान राम की जन्मभूमि है.
इससे पूर्व बुधवार को ही विहिप ने दिल्ली में दीपावाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान विहिप के मुखपत्र 'हिन्दू विश्व' का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री जवाहर कौल ने किया. विहिप की ओर से प्रकाशित मासिक पत्रिका के दिवाली विशेषांक को 'नवजागरण अंक' के रूप में प्रस्तुत किया गया है.