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विहिप की लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग, जारी की 170 मामलों की सूची

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने लव जिहाद की शिकार लड़कियों की आत्महत्या, हत्या और दुर्दशा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से कठोर कानून बनाने की मांग की है.

VHP demands
डॉ. सुरेंद्र जैन

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Published : Oct 16, 2020, 2:29 PM IST

नई दिल्ली :विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने लव जिहाद की शिकार लड़कियों की आत्महत्या, हत्या और दुर्दशा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से कठोर कानून बनाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद ने लव जिहाद के 170 मामलों की सूची भी जारी की है. विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि लव जिहाद की घटनाओं की झड़ी सी लग गई है.

उन्होंने कहा कि लखनऊ में एक पीड़ित महिला का आत्मदाह करना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा शव मिलना हो, पिछले आठ-दस दिन से बड़ी संख्या में ये घटनाएं सामने आ रही हैं जो किसी पत्थर दिल व्यक्ति का दिल दहलाने के लिए भी पर्याप्त हैं. केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है. गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से जबरन या धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता. यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का तरीका ही नहीं, अपितु आतंकवाद का एक प्रकार भी है.

'20,000 से अधिक लड़कियां षड्यंत्र का शिकार'
विहिप नेता ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लव जिहाद नाम दिया था. विश्व हिंदू परिषद ने पिछले आठ से दस वर्षों में संज्ञान में आईं 170 घटनाओं की सूची बनाई है. डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार बन जाती हैं.

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'शिकार लड़कियां क्यों हो जाती है गायब'
जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों का न केवल जबरन धर्मांतरण होता है, बल्कि नारकीय जिंदगी जीने पर मजबूर किया जाता है. वेश्यावृत्ति करवाने और उन्हें बेच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुषों व मित्रों के साथ जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती ही रहती हैं. जब इन अमानवीय यातनाओं की अति हो जाती है तो ये लड़कियां आत्महत्या के लिए विवश हो जाती हैं परंतु पुलिस में शिकायत करने का अवसर बहुत कम लड़कियों को मिल पाता है. एक न्यायालय ने तो अपनी टिप्पणी में पूछा भी था कि लव जिहाद की शिकार लड़कियां गायब क्यों हो जाती है.

'लव जिहाद की फंडिंग के समाचार'
विहिप ने कहा कि अब विश्व के कई देश इससे त्रस्त होकर आवाज उठाने लगे हैं. म्यांमार की घटनाओं के मूल में भी लव जिहाद ही है. श्रीलंका में 10 दिन की आंतरिक इमरजेंसी लगाकर वहां के समाज के आक्रोश को शांत करना पड़ा था. लव जिहाद की फंडिंग के समाचार सामने आ रहे हैं. पीएफआई, सिमी, आईएसआई जैसी संस्थाएं इनके पीछे हैं. इसीलिए कहीं भी मामला बढ़ने पर बड़े वकील तुरंत इनकी पैरवी के लिए खड़े हो जाते हैं जिनको लाखों-करोड़ों रुपए फीस के रूप में दिए जाते हैं. केरल की हादिया का उच्चतम न्यायालय में एक बड़े वकील द्वारा बड़ी फीस लेने का उदाहरण सबके सामने है.

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