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प्रसिद्ध साहित्यकार और एक्टर गिरीश कर्नाड का निधन - girish karnad died in Bengaluru

मशहूर साहित्यकार और अभिनेता गिरीश कर्नाड का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन पर सीएम कुमारस्वामी ने तीन दिन के राजकीय शोक का एलान किया है. इससे पहले पीएम मोदी ने गिरीश कर्नाड के निधन पर खेद जताते हुए कहा कि गिरीश कर्नाड को उनके वर्सेटाइल एक्टिंग के लिए याद किया जाएगा.

गिरीश कर्नाड (फाइल फोटो)

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Published : Jun 10, 2019, 12:31 PM IST

Updated : Jun 10, 2019, 1:06 PM IST

बेंगलुरु : फिल्म अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड का लंबी बिमारी के बाद आज सुबह (सोमवार) निधन हो गया . वे 81 वर्ष के थे.

अनुभवी अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा कर्नाटक में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. इसके अलावा सीएम कुमारस्वामी ने एक दिन का सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया.

कर्नाटक में तीन दिवसीय राजकीय शोक

बता दें कि मशहूर अभिनेता निर्देशक और नाटककार गिरीश कर्नाड का लंबी बीमारी के बाद बेंगलुरु के लावेली रोड स्थित आवास में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. उन्होंने सोमवार को सुबह 8 बजे अंतिम सांस ली.

उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, लेखक, अभिनेता और भारतीय रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर गिरीश कर्नाड के देहावसान के बारे में जानकर दुख हुआ है. उनके जाने से हमारे सांस्कृतिक जगत की अपूरणीय क्षति हुई है.उनके परिजनों और उनकी कला के अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं.'

राष्ट्रपति ने जताया शोक

वहीं, गिरीश के निधन पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने खेद व्यक्त करते हुआ कहा, साहित्यकार, उत्कृष्ट, अभिनेता, निर्देशक, नाटककार और एक्टिविस्ट- गिरीश कर्नाड के निधन से भारतीय रचनात्मक क्षेत्र सूना हो जाएगा. मेरे चिंतन और प्रार्थना उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं.उनकी आत्मा को शांति मिले.'

सुरजेवाला ने खेद जताया

उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खेद जताते हुए कहा कि गिरीश कर्नाड को उनके वर्सेटाइल (बहुमुखी) अभिनय के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके काम आने वाले वर्षों में लोकप्रिय होते रहेंगे. उनके निधन से दुखी हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.

गिरीश कर्नाड के निधन पर पीएम का खेद

कर्नाड कन्नड़ भाषा में आधुनिक भारतीय नाटक लेखन में अग्रणी थे. उन्होंने अपनी पटकथा लेखन की शुरुआत 1970 की कन्नड़ फिल्म संस्कार से की थी.

पद्म भूषण गिरीश कर्नाड को टीवी शो मालगुडी डेज़ से देश भर में लोकप्रियता मिली.

उन्होंने 1971 की कन्नड़ फिल्म वम्शा वृक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.

1970 के दशक में, उन्होंने निशांत, मंथन और स्वामी जैसी फिल्मों में काम कर समांतर सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई.

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ग‍िरीश कर्नाड को 1978 में नेशनल अवॉर्ड और 1998 में साह‍ित्य के प्रत‍िष्ठ‍ित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से नवाजा गया था.

हाल ही में, उन्होंने कबीर खान की फिल्म 'एक था टाइगर' और अली अब्बास ज़फर की 'टाइगर ज़िंदा है' में रॉ प्रमुख डॉ शेनॉय की भूमिका निभाई थी जिसमें सलमान खान ने एक भारतीय जासूस की भूमिका निभाई थी.

Last Updated : Jun 10, 2019, 1:06 PM IST

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