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'योग' प्राचीन भारत का सबसे बहुमूल्य उपहार है : वेंकैया नायडू

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Published : Feb 2, 2020, 9:41 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 10:27 PM IST

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कर्नाटक में हुबली शहर के रेलवे मैदान में बाबा रामदेव द्वारा आयोजित एक योग चिकित्सा व ध्यान शिविर में भाग लिया. इस मौके पर नायडू ने बाबा रामदेव के साथ योग और ध्यान भी किया. बाद में उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया. पढ़ें पूरी खबर...

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एम वेंकैयानायडू

हुबली : उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने योग को प्राचीन भारत का सबसे बहुमूल्य उपहार करार देते हुए कहा है कि योग केवल अभ्यास ही नहीं बल्कि एक दुनिया है और मानवता का प्रतीक है.

वेंकैया नायडू रविवार को हुबली शहर के रेलवे मैदान में बाबा रामदेव द्वारा आयोजित योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर वेंकैया नायडू ने बाबा रामदेव के साथ योग और ध्यान भी किया.

नायडू ने अपने संबोधन में योगा गुरु रामदेव बाबा के योग और ध्यान के क्षेत्र में उनके योगदान की चर्चा करते हुए उनकी प्रशंसा की.

उप राष्ट्रपति ने योग के महत्व की चर्चा करते हुए कहा, 'आज पूरी दुनिया में योग को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, इसके लिए हम अपने पूर्वजों का हार्दिक धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने यह बहुमूल्य विधा भारत को दी है.

योग गुरु रामदेव के ध्यान शिवर को संबोधित करते उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू.

वेंकैया नायडू ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया.

इस मौके पर उप राष्ट्रपति ने पश्चिमी खान-पान को छोड़ने और देसी खान-पान को अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने देसी भोजन और योग के जरिये स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया.

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उप राष्ट्रपति के सामने बाबा रामदेव ने विभिन्न योगासनों का प्रदर्शन भी किया, जिनमें वृक्षासन, त्रिकोणासन, उष्टासन, वज्रासन, मंडूकासन, धनुरासन मुख्य रूप से शामिल थे.

वेंकैया नायडू ने शिविर के बाद ने देशपांडे कौशल कार्यक्रम में भी भाग लिया. इस दौरान वहां मौजूद बच्चों से उन्होंने मुलाकात की और उन्हें अपने देश की भाषा और संस्कृति को न भूलने की नसीहत दी.

बच्चों को नसीहत देते उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू.

इस दौरान एक बच्चे ने 'गुड मार्निंग सर' कहकर उनका अभिवादन किया. इसपर उन्होंने बच्चों को अभिभावक की तरह से समझाया और कहा कि जब भी बड़ों का अभिवादन करना हो तो 'नमस्कार' के जरिये करें और कहा कि 'नमस्कार' हमारी राष्ट्रीय संस्कृति है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 10:27 PM IST

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