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मायानगरी में अनोखा मामला, आदमी के शरीर में मिला गर्भाशय

क्या किसी मर्द के शरीर में बच्चेदानी हो सकती है? इस चौंकाने वाले सवाल का जवाब है हां. दुनिया में अभी तक ऐसे लगभग 100 मामले ही सामने आए हैं. एक मामला मुंबई में सामने आया है. इस केस में ऑपरेशन करने वाले डॉ वेंकट गीते ने बताया कि ऐसा क्यों हुआ. जानें पूरा विवरण

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Published : Jul 12, 2019, 6:37 PM IST

मुंबई: क्या किसी मर्द के शरीर में औरत के अंदरूनी अंग पाए जा सकते हैं? चौंक गए ना, लेकिन मुंबई में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जेजे अस्पताल के डॉ वेंकट ने इस मामले में पुरूष का ऑपरेशन किया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ वेंकट ने बताया कि आम तौर पर ऐसा नहीं होता कि औरत के शरीर के अंदरूनी अंग मर्द के शरीर में हों. उन्होंने कहा कि पुरूष के अंगों के साथ स्त्री के अंग होना कभी-कभी संभव होता देखा गया है. पूरी दुनिया में अभी तक इस तरह के सिर्फ 80-100 मामले ही रिपोर्टेड हैं.

डॉ वेंकट गीते से बातचीत

मर्द के शरीर में औरत के अंगों का पाए जाने के कारण पर डॉ वेंकट ने बताया कि गर्भ में रहने के सात से आठ सप्ताह के दौरान भ्रूण पुरूष भी होता है और स्त्री भी. किसी एक लिंग का रूप लेने के लिए शरीर में अलग-अलग प्रक्रियाएं होती रहती हैं.

डॉ वेंकट ने बताया कि पुरूष बनने के लिए एंटी मुलेरियन हार्मोन का सही मात्रा में होना जरूरी होता है. हार्मोन की मात्रा सही होने पर बच्चे का समान्य पुरूष की तरह जन्म होता है.

शरीर में एंटी मुलेरियन हार्मोन का स्तर कम या नगण्य होने की स्थिति में पुरूष के अंग के साथ स्त्री के अंग भी विकसित हो सकते हैं. अभी तक विश्व में लगभग 100 केस ऐसे देखे गए हैं. इस केस में भी ऐसा ही हुआ है.

मरीज की काउंसलिंग और ऑपरेशन की जटिलता के सवाल पर डॉ वेंकट ने बताया कि प्रक्रिया जटिल होती है. उन्होंने बताया कि किसी भी मर्द को अगर पता चलेगा कि उसके शरीर में गर्भाशय है, तो वह डर जाएगा.

बकौल डॉ वेंकट मन में बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं. मसलन मेरी शादी होगी या नहीं? बच्चे होंगे या नहीं? ऐसे हालात में मरीज और उसके परिजनों के साथ पांच-छह मौकों पर बैठकर विस्तार से बात की गई.

उन्होंने कहा कि एक ही बार किए जाने वाले ऐसे जटिल ऑपरेशन के लिए बहुत सारे जांच की भी जरूरत पड़ती है. उन्होंने बताया कि ये ऑपरेशन सरकारी अस्पताल में हुआ है.

बकौल डॉ वेंकट 'मेरा मानना है कि ऐसे जटिल ऑपरेशन सरकारी अस्पताल में ही हो सकता है.' उन्होंने कहा कि कई विभागों के समन्वय से ये सफल ऑपरेशन किया गया है. प्रशासन की मदद के बिना ये संभव नहीं है.

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