नई दिल्ली/वाशिंगटन: पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच यह उच्चतम स्तर की बैठक है. गोखले और पोम्पियो ने विदेश नीति और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की. गौरतलब है कि इस आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था.
गोखले रविवार को अमेरिका पहुंचे. वह अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ, विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के उपमंत्री डेविड हेले और मंत्रालय में शस्त्र नियंत्रण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की उपमंत्री एंड्रिया थॉम्पसन के साथ द्विपक्षीय विदेश कार्यालय परामर्श और रणनीतिक सुरक्षा वार्ता करने के लिए यहां आए हैं.
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि वे दोनों इस बात पर सहमत हुए कि पाकिस्तान को आतंकी ढांचों को नेस्तनाबूद करने और अपनी सरजमीं पर सभी आतंकी संगठनों के पनाहगाह को बंद करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. वे इस बात पर भी सहमत हुए कि जो लोग/देश किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन करते हैं, या बढ़ावा देते हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए.
पोम्पियो पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व से संपर्क में थे तथा उन्होंने घटनाक्रमों की निगरानी की थी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थित बदतर ना हों.
गोखले और पोम्पियो ने अफगानिस्तान और भारत प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के परस्तर हितों के मुद्दों सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की.विदेश सचिव ने इस बात का जिक्र किया कि पिछले तीन बरसों में व्यापार घाटा में महत्वपूर्ण कमी आई है.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘जैश ए मोहम्मद प्रमुख’ मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए भारत के कोशिशें तेज करने के बीच गोखले इस यात्रा पर हैं.
बयान में कहा गया है कि प्रथम मंत्री स्तरीय 2+2 वार्ता के लिए सितंबर 2018 में अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो के भारत की यात्रा करने के बाद से भारत अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की गुणवत्ता तथा इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति पर दोनों देशों ने संतोष प्रकट किया.
विदेश सचिव ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत को अमेरिका से मिले समर्थन को लेकर अमेरिकी सरकार और पोम्पियो की सराहना की. पोम्पियो ने सीमा पार (पाकिस्तान) से होने वाले आतंकवाद के बारे में भारत की चिंताओं को समझने की बात कही.
पाकिस्तान के बालाकोट में ‘जैश ए मोहम्मद’ के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के मद्देनजर इस वार्ता को अहम माना जा रहा है. हालांकि, प्रोटोकॉल के मुताबिक पोम्पियो का गोखले से मिलना असमान्य है लेकिन पिछले कुछ बरसों में अमेरिकी विदेश मंत्री ने गोखले के पूर्वाधिकारी एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी.
विदेश विभाग के उप प्रवक्ता राबर्ट पल्लाडिनो ने पिछले मंगलवार को एक न्यूज क्रांफेंस में कहा था कि विदेश मंत्री पोम्पियो ने दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच तनाव दूर करने में अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने कहा था कि पोम्पियो ने प्रत्यक्ष रूप से कूटनीतिक वार्ता की थी और दोनों देशों के बीच तनाव दूर करने में अहम भूमिका निभाई थी. अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव द्वारा अमेरिकी प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की संभावना है.
गोखले और पोम्पियो की वार्ता से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुलाहकार जॉन बोल्टन से फोन पर बात की तथा उन्हें पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के साथ तनाव दूर करने के लिए इस्लामाबाद द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी.