नई दिल्ली :अमेरिका-ईरान विवाद का भारतीय बासमती चावल उद्द्योग पर बहुत बुरा असर हुआ है. विवाद शुरू होते ही हरियाणा सहित देश भर के निर्यातकों का 50 हजार टन से अधिक बासमती चावल बंदरगाहों पर फंस गया है. अब ना केवल बाहरी खरीददारों बल्कि स्थानीय निर्यातकों ने भी अपनी शिपमेंट रोक दी है. चावल निर्यातक एसोसिएशन ने भी अगले कुछ दिनों तक चावल ना भेजने की सलाह दी है.
इस घटनाक्रम के कारण कैथल जिले की मंडियों में बासमती धान की कीमतों में 150 रुपये से 300 रूपये तक की कमी आ गई है. वहीं चावल की कीमतों में भी 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की कमी दर्ज की गई है. यूरोप में पहले से ही भारतीय चावल निर्यात पर बैन है, अब अरब देशों में चावल निर्यात करीब-करीब बंद होने से निर्यातकों को भारी नुकसान हो सकता है.
ईरान-ईराक और दुबई तक रुकी शिपमेंट
कैथल में चावल निर्यातक व हरियाणा राईस मिलर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि यूरोप में चावल पहले से ही बंद था. ईरान के साथ पहले से ही विवाद चल रहा था. अब जो घटनाक्रम हुआ है उसके कारण ईरान-ईराक, दुबई तक भी शिपमेंट रोक दी गई है. यहां बासमती चावल का निर्यात हो रहा था. जिसमें 1121 की पूरी की पूरी मार्केट शामिल है। उनके भी करीब 100 कंटेनर बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं. जिन्हें आगे भेजने से फिलहाल रोक लिया गया है और जब तक 100 % पेमेंट नही की जाती तब तक नही भेजेगे चावल.