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जी7 में भागीदारी के लिए अमेरिका ने भारत को दिया न्योता : तरनजीत संधू

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Published : Jun 9, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 9:05 AM IST

अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि जी 7 के विस्तार पर अमेरिका के साथ काम करने में भारत को खुशी होगी. उन्होंने बताया कि गत दो जून को पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें अमेरिका ने भारत को जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का न्योता भी दिया.

taranjit sandhu
तरनजीत संधू

वॉशिंगटन : अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 'नियमित संपर्क' में हैं और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. गत दो जून को दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत में जी7 के मुद्दे पर भी बातचीत हुई

तरनजीत संधू ने दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई बातचीत का जिक्र करते हुइ जानकारी दी कि ​​राष्ट्रपति ट्रंप की जी7 का विस्तार करने की इच्छा है और भारत को अमेरिका के साथ काम करने में खुशी होगी.

संधू ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को शिखर सम्मेलन में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया और दूसरा यह कि उन्होंने जी 7 का विस्तार करने की अपनी इच्छा भी साझा की. इसलिए, इन दोनों मामलों में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ काम करने को लेकर बहुत खुश होगा और मुझे लगता है कि अब भी सटीक तारीखों को अंतिम रूप दिया जाना है. एक बार जब तारीख तय हो जाएगी तो हमें सूचित किया जाएगा.'

भारतीय राजदूत ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वह सितंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा कर सकते हैं.

राजदूत बनने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने पहुंचे तरनजीत संधू (फाइल फोटो)

हालांकि आलोचकों और विशेष रूप से चीन ने राष्ट्रपति ट्रंप की भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को जी 7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने की योजना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. उसने कहा कि बीजिंग के खिलाफ 'छोटा गुट' बनाने का कोई भी प्रयास विफल होगा.

पढ़ें :भारत व चीन में बढ़ाई जाए परीक्षण दर तो आएंगे अधिक मामले : ट्रंप

संधू ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है, जब भारत को G7 में आमंत्रित किया गया है. भारत की उपस्थिति और विशेष रूप से कोविड-19 के समय में हमारा कद बड़ा हो गया है और यह किसी भी दृष्टि से भारत के लिए सम्मान की बात है. इसलिए, भारत की उपस्थिति न केवल इस मंच के लिए बल्कि अन्य संस्थागत और अंतरराष्ट्रीय संगठनात्मक मंचों में भी काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है. यह विश्व में भारत के बढ़ते कद का प्रमाण है.'

उन्होंने कोरोना महामारी के संबंध में बताया कि दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक रवैया रहा. खासकर चिकित्सा, दवाई और अनुसंधान के क्षेत्र में.

संधू ने कहा, ' जैसा मैंने आपको बताया कि हमने संयुक्त राज्य अमेरिका को दवाएं उपलब्ध कराईं, जिसके लिए वह हमपर निर्भर था. उसके अलावा भी हम साथ मिलकर सहयोग कर रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं, भारत विशेष रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य और दवाओं का एक बड़ा उत्पादक देश है. अमेरिकी कंपनियों ने इनके उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम किया है. हाल ही में रेमेडिसविर दवा के लिए चार भारतीय कंपनियों को थोक उत्पादन करने के लिए साइन किया गया है.

पढ़ें :पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से कोविड-19, अन्य मुद्दों पर बात की

भारतीय राजदूत ने कोविड-19 के टीकों के संबंध में सहयोग की व्याख्या करते हुए कहा कि आईसीएमआर और उसके संस्थान एनआईएच व सीडीसी टीकों पर सहयोग कर रहे हैं. अंत में चिकित्सा के क्षेत्र में निजी कंपनियों के बीच सहयोग के लिए सहमति हुई.

राजदूत ने आगे बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से पीएम मोदी के साथ अपने विशेष संबंधों और भारत के प्रति विशेष स्नेह के बारे में उल्लेख किया है.

उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत ही गर्मजोशी से भरी बातचीत थी. जैसा कि आपने सार्वजनिक बयानों में देखा है. और वास्तव में, राष्ट्रपति ट्रंप ने अक्सर हमारे प्रधानमंत्री के साथ अपने विशेष संबंध और भारत के लिए उनके विशेष स्नेह के बारे में सार्वजनिक रूप से उल्लेख किया है. अन्य अंतरराष्ट्रीय पहलुओं पर भी चर्चा की गई. दोनों देश कोरोना संकट से निबटने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं.

संधू ने बताया कि गत दो जून को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मोदी और ट्रंप ने अन्य सामयिक मुद्दों जैसे कोविड-19, भारत-चीन सीमा और विश्व स्वास्थ्य सुधार की आवश्यकता पर भी चर्चा की.

Last Updated : Jun 10, 2020, 9:05 AM IST

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