नई दिल्ली : मौजूदा समय में नौकरी के मामले में शैक्षिक योग्यता पर कौशल विकास भारी है. यह बात एक हालिया सर्वेक्षण में सामने आई है. वसीतम नाम के एक भर्ती स्टार्ट-अप और रोजगार एवं प्रशिक्षण संगठन टेलीरंग की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि कई कंपनियां अब ऐसे व्यक्तियों को खोजती हैं, जिनके पास केवल शैक्षणिक योग्यता से भरा बैग नहीं हो बल्कि अपने साथ कौशल और अनुभव लेकर आएं जो उन्हें काम के लिए तैयार करे.
वसीतम के संस्थापक और सीईओ विक्रम वाधवन ने ईटीवी भारत से कहा कि महामारी ने रोजगार के वर्तमान परिदृश्य में कई चुनौतियां पैदा कर दी हैं. भारत में हमें एक तरफ तेज, टिकाऊ, अधिक न्यायसंगत विकास पाने के लिए और दूसरी तरफ बढ़ती युवा आबादी के लिए बेहतर कार्य अवसर देने के लिए कौशल पैदा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह लोगों को प्रेरित करने और उनकी सामाजिक स्वीकार्यता या मूल्य बढ़ाने के लिए एक प्रभावी संसाधन है.
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर सफलता के लिए करियर कौशल को लेकर कर्मचारी की अंतर्दृष्टि जानने के लिए यह सर्वेक्षण किया गया था. इस पहल ने वास्तव में हमें कर्मचारियों के सोचने की प्रक्रिया और वह अभी कैसे हैं या खुद को सबसे खराब स्थिति के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं, यह समझने में मदद की.
कौशल विकास के करियर लिए महत्वपूर्ण
सर्वेक्षण में वैसे अधिकतम लोगों की भागीदारी रही जो अभी नौकरी कर रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं था कि उनके पास वर्षों का अनुभव भी हो. एक हजार से अधिक लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई. उनमें लगभग 45.5 फीसद स्नातक हैं और 31.8 फीसद विभिन्न कंपनियों के साथ पूर्णकालिक तौर पर कार्यरत हैं. इनमें करीब 14.9 फीसद प्रशिक्षित पेशेवर थे, जिन्होंने कहा कि काम करने के दौरान ही उन्हें वह जरूरी हुनर आया, उनकी पढ़ाई के दौरान नहीं. यह शिक्षा और कौशल के बीच के अंतर को दिखाता है. इस वजह से मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है.
एक बयान में कहा गया है कि 86.5 फीसद से अधिक प्रतिभागियों ने महसूस किया कि कौशल विकास किसी के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
कोविड -19 की वजह से लॉकडाउन के कारण भारत की बेरोजगारी दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. खासकर पिछले कुछ महीनों में जबसे देश में महामारी का प्रकोप फैला है.
कोरोना वायरस ने आईटी, बीपीओ से लेकर आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र तक में छंटनी बढ़ा दी है. लगभग सभी क्षेत्रों में नौकरी जाने से बेरोजगारी ने देश के बहुत सारे लोगों के खासकर युवाओं के करियर को बुरी तरह प्रभावित किया है.
कौशल विकास पर जोर देने की जरूरत
कुल मिलाकर महामारी के बाद काम के तरीकों की मांग पूरी करने के लिए कौशल विकास पर जोर देने की जरूरत पैदा हुई है. देश में नौकरियों के परिदृश्य की प्रकृति में बदलाव के साथ युवाओं को कम उम्र से ही हुनरमंद करके उनके युवा दिमाग का पोषण करने पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है.