नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस परीक्षा-2019 का परिणाम जारी कर दिया है. हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने यूपीएससी सिविल सेवा (मेन्स) परीक्षा 2019 में टॉप किया है. वहीं दूसरे स्थान पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा रहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी प्रतिभागियों को ट्वीट कर बधाई दी.
सिविल सेवा परीक्षा, 2019 को सफलतापूर्वक पास करने वाले सभी युवाओं को बधाई! सार्वजनिक सेवा का एक रोमांचक करियर आपका इंतजार कर रहा है. मेरी शुभकामनाएं!
उन युवाओं के लिए जिन्हें सिविल सेवा परीक्षा 2019 में वांछित परिणाम नहीं मिला, मैं उन्हें बताना चाहता हूं- जीवन कई अवसरों से भरा है. आप में से हर एक मेहनती है. आपके भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.
गौरतलब है कि यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम के लिए इंटरव्यू 20 जुलाई को शुरू हुए थे, जिसका परिणाम मंगलवार को जारी किया गया है. अभ्यर्थी यूपीएससी की अधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर अपना परिणाम देख सकते हैं.
इस लिंक पर देख सकते हैं परिणाम
इस परीक्षा में हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने पहला स्थान हासिल किया है. प्रदीप ने इस साल यूपीएससी की परीक्षा देश में पहला स्थान हासिल कर हरियाणा और अपने परिवार का नाम रोशन किया है. प्रदीप अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और अपनी कड़ी मेहनत को देते हैं.
प्रदीप ने12वीं के बाद कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की है. उसके बाद कस्टम में बतौर इंस्पेक्टर ज्वाइन करने के बाद भी पढ़ाई जारी रखी. प्रदीप ने चौथी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया है. इससे पहले प्रदीप दो बार मेंस की परीक्षा क्लीयर नहीं कर पाए थे. साल 2018 में प्रदीप ने यूपीएससी में 260 रैंक हासिल की और आईआरएस ज्वाइन किया और पढ़ाई को जारी रखते हुए 2019 यूपीएससी परीक्षा में प्रदीप ने पहला स्थान हासिल किया है. बेटे की इस सफलता पर पिता को गर्व है.
प्रदीप की सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल
प्रदीप मलिक के पिता किसान हैं और अपने बेटे की इस सफलता से वो काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अगर कड़ी मेहनत और ईमानदारी से आगे बढ़ा जाए, तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों पर विश्वास करना चाहिए और उन्हें मौका देना चाहिए.
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प्रदीप खुद एक किसान परिवार से हैं. एक अधिकारी के तौर पर वो किसान और गरीब तबके के लिए काम करना चाहते हैं. प्रदीप का कहना है कि अधिकारी के तौर पर काफी चुनौतियां आएंगी, लेकिन वो मेहनत से सबसे निपटेंगे.
बेटियों ने भी मारी बाजी
परीक्षा में दिल्ली की द्वारका के पुलिस मुख्यालय में सेवा दे रहे एएसआई राजकुमार यादव की एक बेटी ने देशभर में छठा स्थान हासिल किया है. उन्होंने बताया कि यह उनका यह तीसरा प्रयास था. विशाखा अपने परिवार के साथ द्वारका जिले के किरण गार्डन में रहती हैं. रिजल्ट जारी होने के बाद उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स परीक्षा में दो बार असफल होने के बाद वह कड़ी मेहनत करती रहीं, जिसके बाद उसने अपने तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक छठी रैंक हासिल की.UPSC-2019 के परिणाम आज घोषित किए गए.
ओडिशा के राउरकेला शहर की संजीता महापात्रा प्रतिष्ठित परीक्षा में 10 वीं रैंक हासिल की. बता दें कि इस बार कुल 829 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी और संजीता उन दो ओडिशा के लोगो में शामिल थीं, जिन्होंने शीर्ष 10 में भाग लिया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए संजीता ने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत से उनको सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि यूपीएससी को क्रैक करने के लिए खुद को प्रेरित किया. यदि आप कभी भी उदास महसूस करते हैं या हार मानने का मन करते हैं, तो उन सभी कारणों के बारे में सोचें, जिन्हें आपने इस पेशे को चुना है. इसके अलावा, अपने परिवार से बात करें और वे आपको जीवन के बारे में बेहतर दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद करेंगे.
नौकरी छोड़ने के बाद 7वीं रैंक लाए गणेश कुमार
तमिलनाडु के गणेश कुमार समग्र सूची में 7वें स्थान पर रहे हैं. कन्याकुमारी में रहने वाले गणेश भास्कर के बेटे हैं, जो केंद्रीय मंत्रालय में सहायक सचिव हैं. सफलता के बाद गणेश ने कहा, 'मेरे पिता केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं. इसलिए, मुझे कई राज्यों में अध्ययन करने का अवसर मिला.
गणेश ने बताया कि मैंने 12वीं कक्षा तक सीबीएसई स्कूल से पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि 10वीं की पढ़ाई हरियाणा में जबकि 12वीं की पढ़ाई मदुरई केंद्रीय विद्यालय में की. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद गणेश उत्तर प्रदेश के कानपुर आ गए. यहां उन्होंने B.Tech कोर्स में दाखिला लिया. इसके बाद मास्टर्स की पढ़ाई के लिए गणेश गुजरात चले गए.
गुजरात आने के बाद गणेश ने अहमदाबाद से MBA की पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह हरियाणा की एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करने लगे.
बकौल गणेश, 'मैं भारतीय विदेश सेवा (IFS) का अधिकारी बनने की इच्छा रखता हूं, इसलिए मैंने UPSC परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. मैं 2018 में असफल रहा. फिर मैंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि 24 घंटे यूपीएससी की तैयारी के लिए समर्पित कर दिया.
गणेश ने बताया कि मेरे माता-पिता मुझे बहुत सपोर्ट करते थे. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से सीखना शुरू किया. तैयारियों के बाद मुझे शीर्ष 100 की सूची में स्थान जरूर मिलेगा. हालांकि, मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं सूची में 7वें स्थान पर रहूंगा. उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है.