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सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मंजूर, मोहसिन रजा ने किया स्वागत

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Published : Feb 24, 2020, 6:46 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 10:39 AM IST

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिली पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करने का फैसला किया है. जमीन पर मस्जिद के साथ—साथ 'इंडो—इस्लामिक' रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनवाया जाएगा. इस संदर्भ में ईटीवी भारत ने यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा से बातचीत की.

मोहसिन रजा
मोहसिन रजा

लखनऊ : सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में सरकार की ओर से अयोध्या के रौनाही में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया गया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी गयी पांच एकड़ जमीन स्वीकार करते हुए उस पर मस्जिद के साथ—साथ 'इंडो—इस्लामिक' रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनवाने का फैसला किया है.

बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया 'बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी जा रही पांच एकड़ जमीन को स्वीकार किये जाने का निर्णय लिया गया.'

उन्होंने बताया कि बोर्ड ने यह भी फैसला किया है कि वह उस जमीन पर निर्माण के लिये एक ट्रस्ट भी गठित करेगा. उस जमीन पर एक मस्जिद के निर्माण के साथ—साथ एक ऐसा केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा जो पिछली कई सदियों की 'इंडो—इस्लामिक' सभ्यता को प्रदर्शित करेगा.

फारूकी ने बताया कि इसके साथ ही भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अन्वेषण तथा अध्ययन के लिये एक केन्द्र तथा एक चैरिटेबल अस्पताल एवं पब्लिक लाइब्रेरी तथा समाज के हर वर्ग की उपयोगिता की अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाएगी. उन्होंने एक सवाल पर कहा 'मस्जिद कितनी बड़ी होगी, यह हम वहां की स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर तय करेंगे.'

फारूकी ने कहा कि ट्रस्ट तथा उसके पदाधिकारियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण की घोषणा उसके गठन के बाद की जाएगी. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट बहुत जल्द गठित होगा.

इस मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत में राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वह बोर्ड के इस फैसले पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सभी सदस्यों और चेयरमैन को बधाई देते हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं.

मोहसिन रजा का बयान.

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मोहसिन रजा ने कहा कि इस निर्णय ने एकता और भाईचारे को बल दिया है और इससे देश में सौहार्द बेहतर होगा. साथ ही यह फैसला आपसी सौहार्द के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस कड़ी में एक तरफ भव्य मंदिर का तेजी से काम होगा तो दूसरी तरफ मस्जिद का निर्माण होगा, जिससे देश की गंगा जमुनी तहजीब का भी नजारा देखने को मिलेगा.

Last Updated : Mar 2, 2020, 10:39 AM IST

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