लखनऊ :उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने टेंडर की फिटिंग प्रक्रिया से चीनी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं गुजरात की एक कंपनी ने यूपीएमआरसी में अपनी जगह बना ली है. मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की सप्लाई, टेस्टिंग और कमिशनिंग के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का अनुबंध गुजरात की कंपनी मेसर्स बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से किया है. यह एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है.
कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होंगे. इनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी. एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी. यानी प्रत्येक कोच में तकरीबन 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे.
सावली (गुजरात) में होगा मेट्रो कोच का निर्माण
लखनऊ मेट्रो के बाद अब कानपुर और आगरा मेट्रो का काम शुरू हुआ है. इन दोनों शहरों में रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग की गई थी, जिसके तहत चार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया और 18 फरवरी को अपनी निविदाएं यूपीएमआरसी को सौंपी.
इसके बाद विस्तृत तौर पर इन निविदाओं का तकनीकी आकलन किया गया, जिसके बाद बिड में शामिल चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. फाइनेंशियल बिड के लिए तीन बिडर्स को चुना गया और सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी कॉन्सोर्सियम मेसर्स बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कांट्रैक्ट दे दिया गया.
कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं को मिलने वाली अत्याधुनिक ट्रेनों की सप्लाई में बॉम्बार्डियर के सावली (गुजरात) स्थित प्लांट से होगी. इससे केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को और भी बढ़ावा मिलेगा.